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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीयों के बारे में कहीं ये बड़ी बातें, सरकार और विपक्ष को भी दी सलाह
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुबंई विद्यापीठ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारतीयों के बारे में बड़ी बातें कहीं। इस दौरान सरकार और विपक्ष को भी सलाह दी।
बहस के लिए जाने जाते हैं भारतीय
मुंबई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय हमेशा से बहस के लिए जाने जाते हैं ना कि असिहष्णु होने के लिए। मुखर्जी ने यह बातें महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित मुंबई विद्यापीठ में एक कार्यक्रम के दौरान कही।
- उन्होंने कहा कि संकीर्ण मनोदशा और विचारों को पीछे छोड़कर हमें वार्तालाप और बहस करनी चाहिए।
विचारों और चिन्तनों के ध्वजवाहक बनें संस्थान
- राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी शिक्षण संस्थाओं के मध्य कहीं भी असहिष्णुता, पूर्वाग्रह और घृणा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
- मुखर्जी ने कहा कि शैक्षिक संस्थानों को कई विचारों, चिन्तनों और दर्शनों के सह-अस्तित्व के लिए ध्वजवाहक के रूप में कार्य करना चाहिए।
- उन्होंने कहा कि जब हमारे विधानमंडल प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए रोके जाते हैं, तो हमारे लोकतंत्र का आधार कम हो जाता है।
- उन्होंने कहा कि यदि वे बेकार हो जाते हैं, तो इसके परिणामस्वरूप ना केवल संस्थागत निर्बलता होती है, बल्कि पूरा सिस्टम प्रभावित होता है।
- राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी दरार और नियम विरुद्ध व्यवहार के दुष्चक्र को तोड़ने से सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों के लिए लाभकारी हैं।
- राष्ट्रपति ने कहा कि अगर व्यक्ति जाति,धर्म या राजनीति के नाम पर व्यक्ति के खिलाफ हो जाएगा तो विकास को पाना नामुमकिन होगा।
- मुखर्जी ने कहा कि देश को एक मजबूत विपक्ष चाहिए। उन्होंने कहा कि वो लोग जो सत्ता में हैं, उन्हें पूरे देश को हमेशा साथ लेकर चलना होगा।
- राष्ट्रपति ने कहा कि परामर्श और आम सहमति बेहतर रास्ता है, जो आगे लेकर जाएगा।
- उन्होंने कहा कि भाषण और अभिव्यक्ति सिर्फ संविधान की ओर से दी गई चीज नहीं बल्कि यह एक सभ्यता का महत्वपूर्ण कारक है।
तब कम हो जाता है प्रभाव!
सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों लाभ
जरूरत है मजबूत विपक्ष की
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English summary
President Pranab Mukherjee said Indians are known to be argumentative, but never intolerant.
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