प्रद्युम्न मर्डर केस: अशोक की जमानत पर बोले पिता- पता नहीं उसे जेल में दवा देते थे या नहीं
नई दिल्ली। प्रद्युम्न हत्याकांड मामले में पुलिस की ओर से आरोपी बनाए गए कंडक्टर अशोक को जमानत मिल गई है। जिला अदालत ने अशोक को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है, जो प्रद्युम्न हत्याकांड में 2 महीने से जेल में था। सोमवार को जिला अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। 8 सितंबर को हुए प्रद्युम्न हत्याकांड में आरोपी बनाए गए कंडक्टर अशोक के खिलाफ सीबीआई कोई सबूत पेश नहीं कर पाई थी। जमानत मिलने के बाद कंडक्टर अशोक के पिता अमीचंद ने कहा ''हम खुश हैं कि उसे जमानत मिल गई जेल में उसकी तबीयत खराब है, पता नहीं उसे जेल में दवा मिल रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि कल उसे जेल से लाया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को सुनवाई पर पहुंचे अशोक के पिता कुछ निराश हुए थे, पर उन्होंने कहा था, 'बेटे की रिहाई तो होनी है। उम्मीद है जल्द उसे छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच के बाद कानून व्यवस्था पर हमें भरोसा है। हमें पूरी उम्मीद है कि आज नहीं तो कल, अशोक बाहर आ ही जाएगा।' उल्लेखनीय है कि गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था।
आरोपी 8 महीने पहले ही स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था। अशोक ने मीडिया को बताया था, ''मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी। मैं बच्चों के टॉयलेट में था। वहां गलत काम कर रहा था। तभी वह बच्चा आ गया। उसने मुझे देख लिया। मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया। फिर खींच लिया। वह शोर मचाने लगा तो मैं डर गया। फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा। उसका गला रेत दिया।'' बाद में सीबीआई ने जांच की। इसके बाद 11वीं के स्टूडेंट को इस मर्डर केस में आरोपी बनाया गया।