पंजाब चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पोस्टर वॉर, कांग्रेस कमेटी की बढ़ी मुश्किल
नई दिल्ली, 10 जून। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में एक तरफ जहां पार्टी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी तो दूसरी पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव के विकल्प की भी तलाश कर रही है। अगले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को अपनी ही पार्टी के भीतर चल रही गुटबंदी का भी सामना करना पड़ेगा। दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रिश्ते कुछ खास नहीं हैं और यह सार्वजनिक तौर पर साबके सामने है। ऐसे में चुनाव से पहले ही पार्टी के भीतर का यह टकराव एक फिर से सबके सामने आ गया है और दोनों नेताओं के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया है।
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पोस्टर वॉर
पंजाब के पटियाला और अमृतसर में दोनों नेताओं के अलग-अलग पोस्टर नजर आए हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पोस्टर पूर्वी अमृतसर में नजर आ रहे हैं जोकि नवजोत सिंह सिद्धू का का संसदीय क्षेत्र है। जबकि पटियाला में नवजोत सिंह सिद्धू के पोस्टर नजर आ रहे हैं जोकि कैप्टन अमरिंदर सिंह का गृह क्षेत्र है। सिद्धू के पोस्टर में कांग्रेस के तमाम शीर्ष नेताओं को देखा जा सकता है जिसमे राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह शामिल हैं। जबकि अमरिंदर सिंह अकेले नजर आ रहे हैं। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह की बेटी जय इंदर कौर ने स्पष्ट किया है कि उनके पिता पटियाला से ही चुनाव लड़ेंगे और वो उनके लिए प्रचार करेंगी।
कौन होगा चेहरा
पंजाब कांग्रेस के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, यह पोस्टर वॉर में तो सामने आ ही गया है। लेकिन सूत्रों की मानें तो पंजाब के कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी के आला कमान को इस मुद्दे पर अपना फीडबैक दिया है, जिसपर जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी फैसला लेंगी। सूत्रों की मानें तो अधिकतर विधायकों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के पक्ष में मत दिया है और उन्हें ही अगले चुनाव में पार्टी का चेहरा बनाने को कहा है। इस पूरे मसले पर पार्टी की ओर से तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी को इसका सुझाव देना है कि अगले चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा। रिपोर्ट की माने तो तकरीबन 50 विधायकों ने कमेटी के सामने अपनी राय जाहिर की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आला कमान को सौंप दी है और माना जा रहा है कि इसपर आज फैसला हो सकता है।
पार्टी के सामने मुश्किल चुनौती
गौरतलब है कि तीन सदस्यों की कमेटी का गठन पिछले महीने सोनिया गांधी ने किया था। जिसमे मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीष रावत और जेपी अग्रवाल शामिल हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते ही इस कमेटी से मुलाकात की थी। पैनल ने नवजोत सिंह सिद्धू से अलग मुलाकात की थी। पिछले कुछ दिनों में अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच काफी बयानबाजी देखने को मिली थी। सिद्धू ने सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री पर हमला बोला था। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि आगामी चुनाव में दोनों के बीच चल रही यह जुबानी जंग पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाती है और क्या पार्टी नेतृत्व दोनों के बीच तकरार को खत्म करने में सफल होता है।