क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पाकिस्तान में सियासी संकटः विपक्षी चक्रव्यूह का घेरा सख़्त, इमरान ख़ान अब क्या करेंगे?

इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ एकजुट हुए विपक्ष का दावा है कि विश्वास मत पर प्रधानमंत्री की हार तय है. गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा-ओवर की अंतिम गेंद तक मुक़ाबला करेंगे

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को सत्ता से हटाने के लिए बने विपक्षी गठबंधन की सियासी सरगर्मियां तेज़ हैं.

बुधवार को इमरान ख़ान की तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल मुत्ताहिदा क़ौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी विपक्ष से हाथ मिला लिया है.

राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि एमक्यूएम-पी के विपक्ष के साथ चले जाने के बाद इमरान ख़ान के पास विश्वास मत हासिल करने लायक संख्या नहीं रह गई है. हालांकि, सरकार ऐसे दावों को ख़ारिज कर रही है.

इमरान ख़ान बुधवार को राष्ट्र को संबोधित करने वाले थे लेकिन अंतिम समय में उनका संबोधन टाल दिया गया.

इमरान ख़ान एक ख़ुफ़िया खत भी पत्रकारों के साथ साझा करने वाले थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक किसी भी लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है.

साल 2018 में चुनाव जीतकर सत्ता में आए इमरान ख़ान सबसे बड़े सियासी संकट का सामना कर रहे हैं और उनका राजनीतिक भविष्य दांव पर लग गया है.

इमरान ख़ान
Getty Images
इमरान ख़ान

विपक्ष के आरोप

एकजुट विपक्ष इमरान ख़ान सरकार पर भ्रष्टाचार करने और विदेश नीति से समझौता करने के आरोप लगा रहा है.

इसी बीच पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "वो अंतिम ओवर की अंतिम गेंद तक मुक़ाबला करेंगे."

इमरान ख़ान राजनीति में आने से पहले क्रिकेट की दुनिया के सबसे चर्चित खिलाड़ियों में शामिल थे. उनकी कप्तनी में ही साल 1992 में पाकिस्तान ने क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था.

पाकिस्तान की संसद में विश्वास मत पर गुरुवार को बहस शुरू होनी है. इमरान ख़ान के पास अपनी पार्टी के सांसदों को एकजुट रखने और गठबंधन सहयोगियों को अपने पाले में बनाए रखने की चुनौती है.

दूसरी तरफ़ पाकिस्तान चरमपंथी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की हिंसक गतिविधियों का भी सामना कर रहा है. रमज़ान का पवित्र महीना शुरू होने से पहले टीटीपी ने पाकिस्तानी सैन्य बलों के ख़िलाफ़ अभियान का एलान किया है.

सेना के मुताबिक बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान सीमा के पास हुए एक हमले में छह जवान मारे गए हैं. टीटीपी ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है.

इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं.
Getty Images
इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं.

किसके हक़ में आँकड़े?

टीटीपी का कहना है कि वो रमज़ान के पहले दिन से पाकिस्तानी सेना के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ सकता है. रमज़ान की शुरुआत रविवार या सोमवार को हो सकती है.

राजनीतिक संकट में फंसे इमरान ख़ान को बुधवार शाम को राष्ट्र को संबोधित करना था लेकिन बिना कारण बताए उनका संबोधन टाल दिया गया है.

अगर आंकड़ों की बात करें तो इमरान ख़ान की सत्ताधारी पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़) गठबंधन के पास 342 सदस्यों वाले सदन में 176 सीटे हैं.

लेकिन बुधवार को एमक्यूएम (पी) ने कहा कि उसके सात सांसद विश्वास मत में सरकार के ख़िलाफ़ मतदान करेंगे.

विपक्ष का दावा है कि उसके पास 163 सीटें हैं. वहीं अब तक एक दर्ज से अधिक पीटीआई सांसद ये संदेश दे चुके हैं कि वो इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ मतदान करेंगे.

इसी बीच पीटीआई ने देश की सर्वोच्च अदालत- सुप्रीम कोर्ट- में अपील करके बाग़ी सांसदों का मतदान रोकने की कोशिश की है.

पाकिस्तान में इससे पहले भी इस तरह का राजनीतिक संकट हुआ है और पार्टियों पर सांसदों को सदन न पहुंचने देने तक के आरोप लगे हैं.

इमरान ख़ान सरकार के ख़िलाफ़ पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के नेतृत्व में विपक्ष का गठबंधन बना है.

बिलावल भुट्टो
Getty Images
बिलावल भुट्टो

एमक़्यूएम-पी के नेता फ़ैसल सब्ज़वारी ने बुधवार को ट्वीट करके बताया कि उनकी पार्टी विपक्ष के साथ जा रही है. इसके कुछ घंटे बाद ही इमरान सरकार में मंत्री और एमक़्यूएम के वरिष्ठ नेता सैयद अमीन उल हक़ ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया.

पाकिस्तान की राजनीति में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) और पाकिस्तान पीपुल्ज़ पार्टी एक दूसरे के ख़िलाफ़ लड़ते रहे थे और सत्ता की अदला-बदली करते रहे थे. लेकिन साल 2018 में इमरान ख़ान ने दोनों ही दलों को हराकर सत्ताधारी गठबंधन बनाया था.

इमरान ख़ान भ्रष्टाचार को ख़त्म करने और लोगों का जीवनस्तर सुधारने के वादे के साथ सत्ता में आए थे. लेकिन इमरान ख़ान के सामने चुनौतियां भी कम नहीं थीं. पाकिस्तान का रूपया टूट रहा था, क़र्ज़ बढ़ता जा रहा था और महंगई काबू से बाहर हो रही थी. इन मुद्दे पर जनता उनके ख़िलाफ़ आक्रोशित भी होती रही थी.

अब इमरान को सत्ता से हटाने के लिए ही ये दोनों दल साथ आ गए हैं.

पाकिस्तान पर नज़र रखने वाले कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इमरान ख़ान ने देश की सेना का समर्थन गंवा दिया है. इन दावों का सेना और सरकार दोनों ही खंडन करते रहे हैं.

लेकिन पाकिस्तान की सत्ता में सेना का अहम किरदार रहता है. 1947 में आज़ाद होने के बाद से पाकिस्तान में अब तक चार बार सैन्य तख़्तापलट हो चुका है और कम से कम इतने ही सत्ता बदलने के नाकाम प्रयास हुए हैं.

अगर इमरान ने सत्ता छोड़ी तो शहबाज़ शरीफ़ देश के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं
Getty Images
अगर इमरान ने सत्ता छोड़ी तो शहबाज़ शरीफ़ देश के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं

अगर इमरान ख़ान अगले सप्ताह होने वाला विश्वास मत हार जाते हैं तो शहबाज़ शरीफ़ देश के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी नेता बिलावल भुट्टो ये दावा कर रहे हैं. शहबाज़ शरीफ़ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के भाई हैं.

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल बंद नवाज़ शरीफ़ रिहा होने के बाद से देश नहीं लौटे हैं. वो विदेश में इलाज करा रहे हैं.

यदि नई सरकार बनी तो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो जरदारी को भी अहम भूमिका मिल सकती है. बिलावल दिवंगत प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी के बेटे हैं.

सवाल ये भी है कि इमरान ख़ान के पास अब क्या विकल्प हो सकते हैं? इमरान ख़ान जल्द चुनाव करा सकते हैं. देश में अगले चुनाव अक्तूबर 2023 में होने हैं.

राजनीतिक विश्लेषक हसन असकरी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कहा, "देश अप्रत्याशित हालात की तरफ बढ़ रहा है जहां बहुत सी समस्याएं और अफ़रा तफ़री हो सकती है."

कॉपी - दिलनवाज़ पाशा

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Political crisis in Pakistan
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X