बरामद 1.15 करोड़ में से कैसे गायब हुए 70 लाख रुपए, 'लेडी सिंघम' की टीम का सिपाही खोलेगा राज
70 लाख रुपए गायब करने वाली पूर्व एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान के केस में एक सिपाही अब सरकारी गवाह बन गया है...
नई दिल्ली। यूपी के गाजियाबाद में गबन के आरोपियों से बरामद की गई रकम में से 70 लाख रुपए गायब करने वाली पूर्व एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान और अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अधिकारियों ने संपत्ति जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं इस केस में अब एक नया मोड़ भी आ गया है। दरअसल लिंक रोड थाने का ही एक सिपाही इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है। सिपाही ओम प्रकाश सिंह ने शनिवार को कोर्ट में सरकारी गवाह बनने की अर्जी दाखिल की, जिसके बाद धारा 164 सीआरपीसी के तहत उसके बयान दर्ज किए गए। वहीं, आरोपी पुलिसकर्मियों की तलाश में पुलिस लगातार जुटी हुई है।
लक्ष्मी चौहान के आवास से बरामद हुआ सवा लाख कैश
आपको बता दें कि बरामदगी के 1.15 करोड़ रुपए में से 70 लाख रुपए गायब करने वाली लिंक रोड थाने की पूर्व एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान पर अब पुलिस का शिकंजा कसना भी शुरू हो गया है। शुक्रवार को पुलिस की टीम लिंक रोड थाने पहुंची और लक्ष्मी सिंह चौहान के सरकारी आवास का ताला तोड़कर तलाशी ली। इस दौरान लक्ष्मी सिंह चौहान के आवास से करीब सवा लाख रुपए कैश और कई अहम सबूत पुलिस के हाथ लगे। छापेमारी के अलावा जांच टीम ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली, जिसमें कुछ नई जानकारियां निकलकर सामने आईं।
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आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
मामले की जांच कर रहे सीओ सेकंड आतिश कुमार शुक्रवार को अपनी टीम के साथ लिंक रोड थाने पहुंचे। जांच टीम ने सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज खंगाली और इसके बाद लक्ष्मी सिंह चौहान के सरकारी आवास पर छापेमारी की गई। छापेमारी में पुलिस को लक्ष्मी सिंह चौहान के आवास से सवा लाख रुपए कैश और कुछ अहम सुराग मिले। पुलिस का कहना है कि ये सबूत लक्ष्मी सिंह चौहान पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में यह भी सामने आया कि जिस गाड़ी में 70 लाख रुपयों से भरा बैग रखा गया था, वह लिंक रोड थाने में तैनात एक सिपाही की है। हालांकि पुलिस की तरफ से सिपाही के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश में लगातार जुटी हुई है।
लक्ष्मी सिंह चौहान ने किया बरामद रकम में घपला
गौरतलब है कि इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पूर्व एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान समेत सातों पुलिसकर्मी फरार हो गए हैं। दरअसल, गाजियाबाद के साहिबाबाद इंडस्ट्रियल इलाके में गबन का एक मामला सामने आया था, जिसमें एटीएम में रुपए डालने वाली एक कंपनी के कर्मचारियों पर ही गबन का आरोप था। इस मामले की जांच लिंक रोड थाने की इंचार्ज लक्ष्मी सिंह चौहान को सौंपी गई थी। रुपए डालने वाली कंपनी 'सीएमएस इन्फो सिस्टम' का क्षेत्रीय कार्यालय साहिबाबाद के साइट-4 इंडस्ट्रियल इलाके में स्थित है। कंपनी को जब रुपयों में हेराफेरी का पता चला तो बीते 22 अप्रैल को कैश कस्टोडियन राजीव सचान के ऊपर केस दर्ज कराया गया था। लिंक रोड थाना पुलिस ने बीते मंगलवार की रात को मुख्य आरोपी राजीव सचान को उसके साथी आमिर के साथ गिरफ्तार कर लिया। यहां से एसएसओ लक्ष्मी सिंह चौहान ने रुपए गायब करने का खेल शुरू किया।
रकम में हेरफेर की खबर से अधिकारियों में हड़कंप
पुलिस ने मंगलवार को जब आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो उनके पास से 1.15 करोड़ रुपए बरामद किए गए। लिंक रोड थाना पुलिस ने इसमें 70 लाख रुपए गायब करते हुए केवल 45 लाख, 81 हजार रुपए की बरामदगी दिखाई और फर्द तैयार कर दी। इसके बाद जब मामले में सीओ राकेश कुमार मिश्र ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि राजीव सचान से करीब 55 लाख रुपए और आमिर से 60 लाख रुपये बरामद किए गए थे। बरामद की गई रकम में हेरफेर की खबर सुनकर वरिष्ठ अधिकारियों में हड़कंप मच गया और सीओ राकेश कुमार मिश्र को पूरे मामले की तहकीकात करने के लिए कहा गया।
सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
सीओ राकेश कुमार ने मामले की जांच के लिए महाराजपुर चौकी की सीसीटीवी फुटेज चेक की तो लिंक रोड़ थाना पुलिस बेनकाब हो गई। दरअसल सीसीटीवी फुटेज में नजर आया कि आरोपियों के पास से रुपयों से भरे दो बैग बरामद किए गए, जिनमें से एक बैग पुलिसकर्मियों ने एक प्राइवेट गाड़ी में रख दिया। फुटेज को गौर से देखा गया तो यह बैग कोई और नहीं, बल्कि खुद एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान गाड़ी में रखती हुई दिखाई दी। इस पूरे खेल में एसएचओ लक्ष्मी सिंह चौहान के अलावा, सब इंस्पेक्टर नवीन कुमार पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज, धीरज भारद्वाज, सौरभ कुमार और सचिन कुमार शामिल थे। सीओ की रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने इन सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करते हुए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
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