90 साल के लालकृष्ण आडवाणी को 2019 लोकसभा चुनाव में क्यों लड़वाना चाहते हैं मोदी?
नई दिल्लीः साल 2014 लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में पहुंची भाजपा सरकार 2019 आते-आते अल्पमत में आ गई है। 2014 लोकसभा में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं। उपचुनावों में हार के कारण भाजपा की सीटें बहुमत के जादुई आकंड़े 272 से कम हो गई हैं। हालांकि, मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं, एनडीए के पास 300 से ज्यादा सीटें हैं। लगातार उपचुनावों में हार के बाद भाजपा 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अपनी रणनीति में काफी बदलाव करने जा रही है। बांग्ला अखबार आनंद बाजार पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी चाहते हैं कि आडवाणी अगला लोकसभा चुनाव लड़ें। आडवाणी से साथ-साथ मुरली मनोहर जोशी को भी पार्टी चुनाव में उतार सकती है। यह भी पढ़ें- कल जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलेंगे अमित शाह तो इन 4 मुद्दों पर जरूर होगी बात?
लालकृष्ण आडवाणी से मिले थे पीएम मोदी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, 'हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी से दिल्ली में पृथ्वीराज रोड पर स्थित उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी उनके पास यह प्रस्ताव लेकर उनसे मिलने गए थे।'
2014 लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा ने बनाई थी रणनीति
साल 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा ने 75 साल की उम्र के नेताओं को मंत्री पद न देने और किसी नेता को टिकट न देना का एलान किया था। हालांकि, 75 साल की आयु पार कर चुके बीएस येदुयुरप्पा को आयु की बंदिश से ढील दी गई थी, जिसका भाजपा को विधानसभा चुनाव में फायदा भी मिला और भाजपा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा अब इसी फॉर्मूले पर काम करना चाह रही है।
लालकृष्ण आडवाणी ने गांधीनगर सीट से लड़ा था चुनाव
लालकृष्ण आडवाणी ने 2014 का लोकसभा चुनाव गुजरात की गांधीनगर सीट से लड़ा था, जहां उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी। आडवाणी चुनाव तो जीत गए लेकिन पार्टी में वो हाशिये पर हैं। अब वो पार्टी के संसदीय बोर्ड में भी शामिल नहीं है।
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