सुप्रीम कोर्ट के जजों की बातों को गंभीरता से लिया जाना चाहिएः सुब्रमण्यन स्वामी
सुब्रमण्यन स्वामी ने स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट को एक साथ आ कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 4 न्यायाधीश और सीजीआई एक राय पर पहुंचे ताकि आगे का काम सुचारू रूप से हो सके।
नई दिल्ली। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर अपनी प्रतिकिया दी है। उन्होंने कहा कि हम इनकी आलोचना नहीं कर सकते। सही मायने में ये सच्चे लोग हैं। स्वामी ने कहा कि चारों जजों ने जो मुद्दा उठाया उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उनकी आलोचना नहीं करना चाहिए। वे सही मायने में सच्चे लोग हैं। उनका कानून के क्षेत्र में अहम योगदान है। वो चाहते तो वरिष्ठ वकील के तौर पर बहुत पैसा कमा सकते थे। हमें इनका सम्मान करना चाहिए।
सुब्रमण्यन स्वामी ने स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट को एक साथ आ कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 4 न्यायाधीश और सीजीआई एक राय पर पहुंचे ताकि आगे का काम सुचारू रूप से हो सके।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों, न्यायाधीश चेलमेश्वर, न्यायाधीश जोसेफ कुरियन, न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश एम बी लोकुर ने आज प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में न्यायाधीशों ने 7 पन्ने की चिट्ठी को भी सार्वजनिक किया है जो भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिसरा को लिखी थी। आज शुक्रवार को की गई प्रेस वार्ता के बाद सार्वजनिक की गई चिट्ठी में लिखा है कि - 'हम बड़े कष्ट के साथ आपके (CJI) सामने यह मामला उठाना चाहेत हैं कि कोर्ट की ओर से दिए गए कुछ फैसलों के कारण न्यायपालिकी की पूरी व्यवस्था प्रभावित हुई है। इसे साथ ही अन्य अदालतों की स्वतंत्रता भी प्रभावित हुई है। वहीं भारत के मुख्य न्यायाधीश के काम पर भी असर पड़ा है।'
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