PM मोदी कैबिनेट में फेरबदल की अटकलें, आगामी चुनावों को देखते हुए जनवरी में बड़े बदलाव संभव
पीएम मोदी कैबिनेट में जनवरी में बड़ा बदलाव किया जा सकता है। सूत्रों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि ऐसा आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया जा सकता है।
2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अभी से चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। इसी बीच दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी मकर संक्रांति (14 जनवरी) और बजट सत्र की शुरुआत के बीच अपनी मंत्रिस्तरीय टीम में फेरबदल कर सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि संभावित बदलावों को भाजपा संगठन में सुधार के साथ-साथ जिन राज्यों में आने वाले समय में चुनाव होना है, उसे देखते हुए किया जाएगा।
"खरमास" (हिंदू कैलेंडर के अनुसार अशुभ समय) और बजट सत्र के बाद "मकर संक्रांति" के बीच के समय को 2024 के चुनावों से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव करने के अंतिम अवसर के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि अगले साल कई राज्यों में चुनाव होने हैं। हालांकि, अभी इसको लेकर पीएम मोदी या फिर किसी भी नेता की तरफ से बयान नहीं जारी किया गया है।
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सूत्रों की तरफ से जिन बदलावों के बारे में अनुमान लगाया जा रहा है, वे उन राज्यों में पार्टी की राजनीतिक जरूरतों से प्रभावित हो सकते हैं जहां अगले साल चुनाव होने हैं। दावा किया जा रहा है कि कुछ बदलावों से पार्टी को चुनावों में बड़ा फायदा मिल सकता है। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि संभावित कवायद न केवल मंत्रियों के प्रदर्शन पर आधारित होगी, बल्कि अन्य "योग्य" सांसदों को समायोजित करने और पार्टी के संगठनात्मक कार्यों में मंत्रालय से राहत पाने वालों का उपयोग करने के लिए पदों को बदलने की दृष्टि से भी होगी।
आपको बता दें कि इससे पहले वर्तमान मोदी मंत्रालय में फेरबदल पिछले साल 8 जून को हुआ था। जिसमें कुछ प्रमुख नामों सहित 12 मंत्रियों को बदल दिया गया था। सूत्रों को उम्मीद है कि संभावित फेरबदल भी इसी पैमाने का हो सकता है। सूत्रों ने दावा किया है कि लोकसभा से प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है और निचले सदन के सदस्यों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
दावा यह भी किया जा रहा है कि गुजरात के कुछ सांसदों को विधानसभा चुनावों में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है। यह पता चला है कि पार्टी का दृढ़ मत था कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह एक ही राज्य के हैं, इसलिए चुनाव में पार्टी की शानदार सफलता में योगदान देने वालों को पुरस्कृत करने में बाधा नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा पता यह भी चला है कि पार्टी के नेताओं ने प्रस्तावित फेरबदल को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत भी की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नए कैबिनेट में महिलाओं और आरक्षित श्रेणियों के लोगों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है। सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेताओं के बीच "परामर्श" के दौरान, संभावित समावेशन की एक सूची तय की गई थी। साथ ही भाजपा शासित राज्यों में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत को लेकर भी आम सहमति बन गई है।
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