तबलीगी जमात पर तत्काल पाबंदी, निजामुद्दीन ऑफिस को ध्वस्त करने की SC में दायर हुई याचिका
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से अपील की है कि वह गृह मंत्रालय को निर्देश दे कि तबलीगी जमात की सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। इसके साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई है कि एमसीडी एक्ट के तहत निजामुद्दीन कार्यालय को ध्वस्त करने का भी आदेश दिया जाए।
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही तबलीगी जमात के लोग निशाने पर हैं। मालूम हो कि दिल्ली में मार्च के महीने में निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में तबलीगी जमात से जुड़े लोग हजारों की संख्या में जमा हुए थे। इस कार्यक्रम में सैकड़ों विदेशी भी शामिल हुए थे। इनके कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई है। तमिलनाडु, यूपी, दिल्ली, तेलंगाना और महाराष्ट्र से आए जमाती बड़ी संख्या में संक्रमित पाए गए हैं।
पुलिस
की
गिरफ्त
में
नहीं
आया
मौलाना
साद
तबलीगी
मरकज
मामले
में
दिल्ली
पुलिस
ने
मौलाना
साद
पर
FIR
दर्ज
किया
है,
पुलिस
ने
आइपीसी
की
धारा
269,
270,
271,
120
बी
के
तहत
कार्रवाई
की
है,
पुलिस
ने
सरकारी
आदेश
नहीं
मानने
के
मामले
में
सख्ती
से
पेश
आते
हुए
यह
मामला
दर्ज
किया
है।
मालूम
हो
कि
मौलाना
साद
का
पूरा
नाम
मौलाना
मुहम्मद
साद
कंधलावी
है।
वह
भारतीय
उपमहाद्वीप
में
सुन्नी
मुसलमानों
के
सबसे
बड़े
संगठन
तबलीगी
जमात
के
संस्थापक
मुहम्मद
इलियास
कंधलावी
के
परपोते
हैं
और
फिलहाल
अभी
फरार
चल
रहे
हैं।
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