रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के अकाउंट ब्लॉक होने पर संसदीय समिति सख्त, ट्विटर से मांगा लिखित जवाब
समिति ने रविशंकर प्रसाद के अकाउंट ब्लॉक होने पर ट्विटर से मांगा जवाब
नई दिल्ली, 29 जून: केंद्र सरकार में मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस सासंद शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट कुछ समय के लिए बंद किए जाने पर संसदीय समिति ने कंपनी से जवाब मांगा है। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने सचिवालय से कहा है कि माइक्रोब्लॉगिंग साईट ट्विटर को इस मामले पर लेटर भेजकर दो दिन के भीतर जवा देने को कहा जाए।
कांग्रेस सांसद नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने सचिवालय को निर्देश दिया है कि ट्विटर से इसका जवाब मांगा जाए कि आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के अकाउंट को किस आधार पर बंद किया गया था। ट्विटर से दो दिन में इसका जवाब मांगने को समिति ने कहा है। समिति के निर्देश के बाद मंगलवार को सचिवालय की ओर से ट्विटर को पत्र भेजा जा सकता है। अगर समिति को ट्विटर की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो समिति ट्विटर अधिकारी को तलब कर सकती है।
बीते हफ्ते शुक्रवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को एक घंटे तक लॉक कर दिया गया था इसके बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट कर बताया कि उनका भी अकाउंट कुछ वक्त के लिए ब्लॉक किया गया। ट्विटर ने यह कार्रवाई कथित तौर पर अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट के उल्लंघन को लेकर की थी। थरूर ने तभी कहा था कि इसे लेकर संसदीय समिति ट्विटर से जवाब मांगेगी। अब समिति ने जवाब मांगा है।
बता
दें
कि
केंद्र
के
नए
आईटी
नियमों
को
लेकर
बीते
कुछ
दिनों
से
ट्विटर
और
सरकार
के
बीच
तनातनी
देखने
को
मिल
रही
है।
सरकार
नए
नियमों
को
मानने
का
दबाव
डाल
रही
है
तो
ट्विटर
इसमें
कुछ
हीलाहवाली
कर
रहा
है।
हाल
ही
में
केंद्र
ने
ट्विटर
का
इंटरमीडियरी
का
दर्जा
भी
खत्म
कर
दिया
था।
लगातार
ही
केंद्र
और
ट्विटर
में
टकराव
दिख
रहा
है।