शीतकालीन सत्र में घमासान के आसार, नागरिकता संशोधन बिल लाने की तैयारी में मोदी सरकार
नई दिल्ली। संसद में अगले सप्ताह से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल सकता है। क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार सोमवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने की तैयार में है। लोकसभा में पेश करने के लिए 22 बिल लिस्ट किए गए हैं। इसके साथ ही स्टैंडिग कमिटी और उच्च सदन में पेश करने की तैयारी सरकार कर रही है। सदन में विपक्षी दल भी जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।
इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की बजाय महज छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। यह बिल बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रावधान करता है
पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि सरकार जल्द ही यह बिल लेकर आ सकती है। कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस समेत कई और पार्टी पहले से ही इस बिल के विरोध में हैं। वहीं पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत के साथ खिलवाड़ होगा। विपक्षी दलों के पास भी सरकार को घेरने के लिए कई सारे मुद्दे हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के हालात से लेकर, अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार, यूरोपीय सांसदों के कश्मीर दौरे समेत कई मुद्दे हैं जिन पर कांग्रेस सरकार को घेरेगी।
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