महामारीः दिल्ली के अस्पतालों में फिर गहराया बेड का संकट, जहां 3 दिनों में तेजी से बढ़े हैं नए मामले
नई दिल्ली। पिछले तीन दिनों में दिल्ली में 4000 से अधिक आए नए कोरोना मरीजों से राजधानी में एक बार फिर महामारी का संकट गहराने लग गया है, जिसके चलते दिल्ली के अस्पतालों में एक बार फिर बेड का संकट गहरा गया है। लगातार बढ़ते मामलों से अस्पतालों न सिर्फ ICU बेड की कमी है, बल्कि सामान्य बेड भी तेजी से मरीज भर्ती हो रहे हैं। अस्पतालों का कहना है कि अगर बढ़ती प्रवृत्ति बनी रहती है, तो जल्द ही एक संकट खड़ा हो सकता है।
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लगातार तीसरे दिन दिल्ली में 4,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं
गौरतलब है दिल्ली में गत शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन कोविद के 4,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं, जिसमें पिछले 24 घंटों में 4,266 लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया है। वहीं, बुधवार और गुरुवार को क्रमशः 4,308 और 4,039 नए मामले दर्ज किए गए। फिलहाल, राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजो की कुल संख्या 2,09,748 पहुंच गई है।
दिल्ली के अस्पतालों के 42% यानी 6,249 बेड मरीजों से भरा जा चुका है
शुक्रवार को पिछले एक महीने में पहली बार कोविद सामान्य बिस्तरों की कुल 14,379 बिस्तरों की संख्या में से 6,000 बेड पर मरीज भर्ती हुए हैं। दिल्ली कोरोना ऐप पर अस्पतालों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली अस्पतालों के 42 फीसदी यानी 6,249 बेड मरीजों से भरा जा चुका है।
पिछले 24 घंटों में 21 लोगों की मौत दर्ज की गई है: दिल्ली स्वास्थ्य विभाग
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 21 लोगों की मौत दर्ज की गई है। एक अधिकारी ने बताया, हमने पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 60,580 कोविद परीक्षण किए। इसमें से 8,305 (14 फीसदी) आरटी-पीसीआर / सीबीएनएएटी / ट्रूनेट और 52,275 (86 फीसदी) का परीक्षण रैपिड एंटीजेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया गया।
शुक्रवार को लोकनायक अस्पताल में 781 कोविद मरीज भर्ती किए गए हैं
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि दिल्ली में कोरोना मामलों में बढ़ती संख्या को देखते हुए लोक नायक अस्पताल ने उस सर्जिकल वार्ड को भी खोल दिया है, जिसे पुनर्निर्मित किया जा रहा था, जहां शुक्रवार को 781 कोविद मरीज भर्ती किए गए हैं। एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि रोजाना प्रवेश के लिए अस्पताल को 80-90 मरीज मिल रहे हैं।
ICU बेड के लिए मांग अधिक,ज्यादातर लोग गंभीर लक्षण पर आते हैं
आईसीयू बेड के लिए मांग अधिक है,क्योंकि ज्यादातर लोग गंभीर लक्षण विकसित होने पर आते हैं। अस्पताल के 1,212 आईसीयू बेड में से 699 (58 फीसदी) वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ हैं, जबकि बिना वेंटिलेटर वाले 68 फीसदी मरीजों को अस्पताल ले जाया गया है।
जुलाई में मांग बहुत कम हुई थी पर अब यह लगातार बढ़ती जा रही है
मैक्स स्मार्ट साकेत सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, हमने जून में कोविद बेड के लिए एक समान भीड़ देखी थी, लेकिन जुलाई में अचानक मांग बहुत कम हो गई पर अब यह मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जिनमें कई मरीज दूसरे राज्यों से भी हैं। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में केवल 20 सामान्य बेड और 9.30 बजे तक केवल दो आईसीयू वेंटिलेटर बेड उपलब्ध थे। इसी तरह की कमी अन्य निजी अस्पतालों जैसे कि अपोलो, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स और बीएलके सुपर स्पेशलिटी में देखी जा सकती है।
अगस्त के पहले सप्ताह में दिल्ली में केवल 10,000 सक्रिय मामले थे
अगस्त के पहले सप्ताह में दिल्ली में केवल 10,000 सक्रिय मामले थे। यह अब लगभग 26,000 हो गया है। एक डॉक्टर ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कदम उठाने चाहिए वरना दिल्ली में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।