आर्मी जवान औरंगजेब की हत्या के पीछे है पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई का हाथ!
मई 2017 में दक्षिण कश्मीर के शोपियां में इंडियन आर्मी के ऑफिसर लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या के बाद गुरुवार को भारतीय सेना के एक जवान की हत्या कर दी गई। 23राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अटैच जवान औरंगजेब का आतंकियों ने पुलवामा से अपहरण कर लिया था। इसके बाद गोलियों से छलनी उनका शव पुलिस को बरामद हुआ।
श्रीनगर। मई 2017 में दक्षिण कश्मीर के शोपियां में इंडियन आर्मी के ऑफिसर लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या के बाद गुरुवार को भारतीय सेना के एक जवान की हत्या कर दी गई। 23राष्ट्रीय राइफल्स के साथ अटैच जवान औरंगजेब का आतंकियों ने पुलवामा से अपहरण कर लिया था। इसके बाद गोलियों से छलनी उनका शव पुलिस को बरामद हुआ। सूत्रों की मानें तो औरंगजेब की हत्या के पीछे पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है। औरंगजेब को बंदूक की नोक पर आंतकियों ने पुलवामा के कलामपोरा से अगवा कर लिया था।
एंटी-टेरर ऑपरेशन से चिढ़ी आईएसआई
इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई घाटी में इंडियन आर्मी की ओर से चलाए जा रहे एंटी-टेरर ऑपरेशंस को लेकर काफी नाराज है। आईएसआई को यह बात नागवार गुजर रही है कि घाटी में आजादी के लिए आतंकी संगठनों ने 'जेहाद' छेड़ा है, उसके काम में इंडियन आर्मी बाधा डाल रही है। सूत्रों का दावा है कि औरंगजेब का अपहरण करके फिर उनकी हत्या करने की योजना आईएसआई ने सुरक्षाबलों को मजा चखाने के मकसद से बनाई थी।
घाटी के युवाओं को संदेश देने की कोशिश
औरंगजेब की हत्या के बाद पाकिस्तान के आतंकियों ने सेना और सुरक्षाबलों को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश की है कि भले ही घाटी में कितने भी एंटी-टेरर ऑपरेशंस चलाए जाएं, वे कभी कमजोर नहीं पड़ेंगे। आईएसआई की मदद वाले आतंकियों ने औरंगजेब को इसलिए सेलेक्ट किया क्योंकि कश्मीरी युवाओं को सेना और दूसरी पैरा-मिलिट्री फोर्सेज में शामिल न होने से जुड़ा संदेश देना चाहते थे। गुरुवार को अपहरण के घंटों बाद उनका शव पुलिस और सेना की एक टीम मे गुसु गांव में मिला था। यह गांव पुलवामा के कलामपोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर है। औरंगजेब के सिर और गले में गोली मारी गई थी।
समीर टाइगर को मारने वाली टीम में थे शामिल
औरंगजेब सेना की उस टीम में शामिल थे जिसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मारने में कामयाबी हासिल की थी। पुंछ के रहने वाले औरंगजेब अपनी ड्श्ूटी पूरी करके लौट रहे थे कि तभी हथियारों से लैस आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था। वह एक बस में थी जो उनके घर जा रही थी और इसी समय उनका अपहरण किया गया था। उनके अपहरण की खबर आते ही जम्मू कश्मीर पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की और 23 राष्ट्रीय राइफल्स को इनफॉर्म किया जिनके साथ वह अटैच्ड थे।
मां की अपील भी नहीं सुनी आतंकियों ने
अपहरण के बाद औरंगजेब की मां ने आतंकियों ने अपील की थी कि वे उन्हें रिहा कर दें क्योंकि उनका बेटा उनके साथ ईद मनाने घर आ रहा था। वह उनके साथ ईद मनाना चाहती हैं। औरंगजेब का परिवार कई वर्षो से सेना के साथ जुड़ा हुआ है। उनके पिता सेना से रिटायर हैं तो उनके चाचा की मौत आतंकियों से लड़ते हुए साल 2004 में हो गई थी। उनके भाई भी सेना में हैं। औरंगजेब का पूरे सम्मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया।