जेएनयू हिंसा मामले में पाकिस्तान भी कूदा, विदेश मंत्री बोले- भारत में असहिष्णुता
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जिस तरह से हिंसा हुई उसके बाद इस मसले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बार फिर से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है। कुरैशी ने कहा कि जिस तरह से जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया गया वह इस बात की याद दिलाता है कि भारत में असहिष्णुता बढ़ी है। कुरैशी ने यह बयान नेशनल एसेंबली को संबोधित करते हुए दिया। वह सदन में अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे टकराव के बीच पाकिस्तान की क्या नीति है इसपर बोल रहे थे।
भारत
में
फासिस्ट
विचारधारा
कुरैशी
ने
कहा
कि
भारत
में
बढ़ती
असहिष्णुता
की
यह
घटना
पुष्टि
करती
है,
जिस
तरह
से
जेएनयू
के
शिक्षकों
और
छात्रों
पर
हमला
किया
गया
उससे
यह
साफ
है
कि
भारत
में
असहिष्णुता
बढ़
रही
है।
कैंपस
में
आरएसएस
का
दखल
बढ़
गया
है,
पुलिस
की
भी
इन
लोगों
के
साथ
मिलीभगत
है।
उन्होंने
कहा
कि
भारत
में
फासिस्ट
विचारधारा
की
वजह
से
इस
तरह
की
घटनाएं
हो
रही
हैं।
वहीं
सदन
में
कुरैशी
ने
अमेरिका
और
ईरान
के
बीच
टकराव
में
पाकिस्तान
के
रुख
को
साफ
करते
हुए
कहा
कि
पाकिस्तान
इस
क्षेत्रीय
टकराव
का
हिस्सा
नहीं
बनेगा।
हालात
नाजुक
पाक
के
विदेश
मंत्री
ने
कहा
कि
मैंने
क्षेत्र
के
सभी
अहम
देशों
के
विदेश
मंत्री
से
बात
की
है,
मैंने
उन
लोगों
से
विस्तार
से
बात
की।
ईरान
के
विदेश
मंत्री
से
लंबी
बातचीत
के
दौरान
मैंने
इस
पूरे
मसले
पर
पाकिस्तान
का
रुख
साफ
किया।
मिडिल
ईस्ट
में
स्थिति
काफी
नाजुक
और
चिंताजनक
है।
शाह
ने
कहा
कि
अफगानिस्तान
के
साथ
शांति
प्रक्रिया
में
अमेरिका
और
ईरान
के
बीच
टकराव
बड़ी
बाधा
बन
सकता
है।
उन्होंने
कहा
कि
पाकिस्तान
आतंकवाद
के
लिए
अपनी
जमीन
का
इस्तेमाल
किसी
भी
देश
को
नहीं
करने
देगा।
बढ़ा
तनाव
बता
दें
कि
हाल
ही
में
अमेरिका
ने
हवाई
हमले
में
ईरान
के
जनरल
कासिम
सुलेमानी
सहित
कई
लोगों
को
मौत
के
घाट
उतार
दिया
था।
जिसके
बाद
दोनों
ही
देश
के
बीच
तनाव
काफी
बढ़
गया
है।
एक
तरफ
जहां
ईरान
ने
साफ
किया
है
कि
अमेरिका
को
इस
हमले
की
कीमत
चुकानी
होगी
तो
दूसरी
तरफ
डोनाल्ड
ट्रंप
ने
ईरान
को
धमकी
दी
है
कि
अगर
ईरान
बदले
की
कार्रवाई
करता
है
और
हमारे
ठिकाने
या
लोगों
पर
हमला
करता
है
तो
हम
ईरान
के
51
ठिकानों
को
निशाना
बनाएंगे
और
वो
भी
काफी
तेज
और
सख्त
तरीके
से।