अगर अरुण जेटली की जगह पर होता तो इस्तीफा दे देता- पी चिदंबरम
कोलकाताः पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर वो वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह पर होते तो इस्तीफा दे देते। सोमवार को भारत चैंबर ऑफ कामर्स में बोलते हुए पी. चिदंबरम ने कहा, 'अगर मैं अरुण जेटली की जगह पर होता तो मैं क्या करता? मैं इस्तीफा दे देता।' इसी दौरान पी. चिदंबरम ने AFSPA के बारे में भी अपनी बात रखी। उनका कहा था कि अब इस कानून में कुछ बदलाव करने चाहिए।
बता दें, पी. चिदंबरम साल 2018-19 के केंद्रीय बजट के बारे में बात कर रहे थे। चिदंबरम ने कहा, 'जेटली ने दूसरों द्वारा लिखे गए बजट भाषण को पढऩे में निश्चित तौर पर मुश्किल स्थिति का सामना किया होगा।'
देश के गृहमंत्री रह चुके पी. चिदंबरम ने कहा कि जम्मू में AFSPA कानून को बदलने की जरुरत है। वहां, सेना जवाब नहीं है, लोकल पुलिस को जिम्मेदारी संभालनी होगी। पंजाब की तरह कश्मीर में पुलिस को ताकत देनी होगी। हर दस मीटर पर सेना का होना समाधान नहीं है।
सरकार पर हमला बोलते हुए पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार राजकोषीय समेकन में पूरी तरह विफल रही है। पी. चिदंबरम ने सरकार की नीतियां पर निशाना साधा और कहा कि जीएसटी के रेट का घटाया जा रहा है तो जीएसटी 67फीसदी कैसे होगा।
हेल्थ केयर स्कीम के बारे में पी. चिदंबरम ने कहा कि ये 2016-17 के बजट की NHPS स्कीम का ही नाम बदला गया है। उस समय इसे राष्ट्रीय हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का नाम दिया गया था। इन्होंने कहा कि इससे छह करोड़ परिवारों को फायदा होगा। 30 करोड़ लोग इस स्कीम का हिस्सा होंगे। लेकिन इसमें कोई कैबिनेट पेपर नहीं दिया गया, कोई फंड नहीं बांटा गया और ये स्कीम लगभग चार से पांच महीने में खत्म हो गया। इस बार ये कह रहे हैं कि दस करोड़ परिवारों और 50 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिलेगा। जब इनसे पूछा जाता है कि पैसा कहां से आएगा तो कोई जवाब नहीं आएगा।
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