कोरोना संकट के बीच देश में ऑक्सीजन की मांग घटी, सप्लाई में 900 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक की कमी
नई दिल्ली, मई 23। देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से खराब हुए हालात अब धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। एक तरफ कोरोना के कुल मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है तो वहीं अब ऑक्सीजन संकट भी उतना गहरा नहीं रह गया है। बीते दिनों में ऑक्सीजन की कमी के कारण हजारों मरीजों ने अपनी जान गंवा दी, लेकिन पिछले 72 घंटों के अंदर अस्पतालों को मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई से देश में ऑक्सीजन संकट के कम होने के शुरुआती संकेत दिखाई देने लगे हैं। आपको बता दें कि मई के महीने में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जो काफी राहत देने वाला है।
देश में कम हुई ऑक्सीजन की खपत और सप्लाई
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अब देश में ऑक्सीजन की खपत में भी कमी आई है और उसका असर सप्लाई पर भी पड़ा है। जानकारी के मुताबिक, देश में अब ऑक्सीजन की प्रतिदिन खपत 8000 मीट्रिक टन तक आ गई है, जो कुछ दिन पहले 8900 मीट्रिक टन प्रतिदिन थी। ये आंकड़ा पिछले साल कोरोना की पहली लहर के मुकाबले बहुत अधिक है। ऑक्सीजन सप्लाई ग्रुप के साथ काम करने वाली अधिकारियों के डेटा के अनुसार, 9 मई को देश में ऑक्सीजन की सप्लाई 8944 मीट्रिक टन तक पहुंच गई थी, जो अभी तक सबसे हाई पॉइंट था। वहीं 18-19 मई को ये आंकड़ा घटकर 8100 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। हालांकि, यह 20 मई को एक बार फिर मामूली रूप से बढ़कर 8,334 मीट्रिक टन हो गया है।
कोरोना के कुल मामलों में भी कमी
आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले अभी भी देश में ऑक्सीजन की मांग बहुत अधिक है, लेकिन 9 मई के बाद से लगातार देश में ऑक्सीजन की मांग के आंकड़े घट रहे हैं, जो ये अच्छे संकेत देते हैं कि देश में हालात अब सुधर रहे हैं। प्रतिदिन ऑक्सीजन की मांग में कमी के साथ-साथ कोरोना के नए मामलों में भी हर रोज गिरावट दर्ज की जा रही है। देश में एक समय कोरोना के एक दिन में आने वाले मरीजों का आंकड़ा 4 लाख तक पहुंच गया था, लेकिन अब ये संख्या 2.50 लाख से नीचे जा चुकी है और अगर आने वाले दिनों में ऐसे ही घटती रही तो स्थिति बेहतर होगी।
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