ओडिशा: खोए हुए खजाने की तलाश में जगन्नाथ मंदिर के एमार मठ में शुरू हुआ अभियान
भुवनेश्वर, 19 सितंबर: ओडिशा में पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में खजाने की तलाश की जा रही है। मंदिर के दक्षिण-पूर्वी कोने में स्थित एमार मठ में मेटल डिटेक्टर से लैस पुरातत्वविदों की टीम ने गुरुवार से अपनी खोज शुरू की है। मंदिर के उत्तर-पार्श्व मठ के महंत और एमार मठ के प्रभारी नारायण रामानुज दास ने खजाने की तलाश करने का आग्रह किया था। जिसके बाद टीम ने खजाने की तलाश शुरू की है।
2011 में मिला था खजाना
मठ से जुड़े लोगों, कुछ इतिहासकारों और बहुत से स्थानीय लोगों का ऐसा दावा रहा है कि मंदिर परिसर की जमीन के भीतर कीमती खजाना, हीरे-जवाहरात दबे हुए हैं। 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में 2011 में मठ के अंदर 90 करोड़ की 18 टन की चांदी की 522 सिल्लियों का खजाना मिला था। जिसके बाद मंदिर के नीचे खजाने होने के दावों को और ज्यादा ताकत मिली है।
मेटल डिटेक्टर से संकेत मिले
नारायण रामानुज दास ने कहा है कि मेटल डिटेक्टर खोज ने कुछ संकेत दिया है। हालांकि अभी ये नहीं कह सकते कि वे मूल्यवान धातु हैं या किसी और चीज को मेटल डिटेक्टर संकेत कर रहाहै। उनका कहना है कि जमीन में डेढ़ फुट से दो फुट तक धातु होने का पता मेटल डिटेक्टर से चलता है, वहीं मंदिर में इससे नीचे चीजें हो सकती हैं। ऐसे में एक बेहतर सर्वेक्षण की आवश्यकता है।
बनाया गया है ट्रस्ट
महंत नारायण रामानुज दास की अध्यक्षता में चार सदस्यीय एक ट्रस्ट निकाय ने एमार मठ को अपने कब्जे में ले लिया था। जिसके बाद सभी कीमती सामान की सूची एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में बनाई गई। इसके बाद राज्य पुरातत्व विभाग की एक विशेष टीम ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अधिकारियों, पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा, पुरी के पुलिस अधीक्षक के वी सिंह और एमार मठ के ट्रस्ट के सदस्यों की मौजूदगी में छिपे खजाने का पता लगाने के लिए खोज शुरू की।