यह है देश का सबसे गरीब इलाका, नोटबंदी के बाद यहां के लोगों पर क्या असर हुआ?
ओडिशा का नबरंगपुर जिला देश का सबसे गरीब इलाका माना जाता है। नोटबंदी का यहां के लोगों पर बेहद खराब असर हुआ है।
नबरंगपुर। ओडिशा का नबरंगपुर जिला देश का सबसे गरीब इलाका माना जाता है। यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और नोटबंदी के बाद इस इलाके में रह रहे गरीबों का बहुत बुरा हाल है।
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एटीएम पर नहीं मिल पा रहे हैं पैसे
इलाके के किसान समुदु हरिजन का कहना है कि स्टेट बैंक के एटीएम की लाइन में घंटों खड़े होने के बाद उनको खाली हाथ लौटना पड़ा। हरिजन ने कहा, ''उसके बाद मैं दूसरे गांव के एक बैंक में गया जहां ब्रांच मैनेजर ने कहा कि नए नोट हैं ही नहीं।'
पेंशन पर गुजारा करनेवाली 62 साल की बसंती देवी नबरंगपुर के स्टेट बैंक मेन ब्रांच में पिछले पांच दिनों से पैसा एक्सचेंज करवाने के लिए जा रही हैं लेकिन काम नहीं हो पाया। इस उम्र में वह लाइन में लंबे समय तक खड़े नहीं रह पाती हैं।
बैंक के पास कैश का अकाल
500 और 1000 के नोट बैन होने के बाद नबरंग जिले के लोगों पर बहुत ही खराब असर पड़ा है। इस इलाके में बैंकों के बहुत कम ब्रांच हैं जिसमें नबरंगपुर का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मेन ब्रांच सबसे बड़ा है। इस ब्रांच के पास भी ज्यादा कैश नहीं है।
ब्रांच मैनेजर अभिमन्यु साहू का कहना है कि माओवाद से प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से इधर 2000 के नोट नहीं भेजे गए। 100 के नोटों से ही मैनेज करना पड़ रहा है। यहां 100 और नए 500 रुपए के नोटों की सख्त जरूरत है।
इलाके के निजी बैंकों के एटीएम बंद
नबरंगपुर इलाके में निजी बैंकों के अधिकांश एटीएम बंद हैं। इनमें से कुछ ही खुले हैं जिन पर लंबी लाइनें लग रही हैं।
इस गरीब जिले में दुकानदार काफी परेशान हैं क्योंकि जबसे नोटबंदी हुई है तबसे लोग कम खरीदारी कर रहे हैं। एक दुकानदार का कहना है कि कमाई बहुत कम हो गई है।
किसानों की हालत बेहद खराब
इलाके के किसान भी नोटबंदी के बाद मुसीबतों के शिकार हैं। चित्रकोट गांव के साहेब सिंह नोटबंदी के बाद लगातार पैसा एक्सचेंज करवाने के लिए बैंकों के चक्कर काट रहे हैं और आखिरकार जब वे 2000 रुपए पाने में सफल रहे तो घर चलाने में ही वे पैसे खर्च हो गए।
इसके बाद उन्होंने पत्नी के जेवर गिरवी रखकर खेती के लिए 5000 रुपए महाजन से लिए। उनमें से 3000 रुपए खर्च हो गए।
साहेब सिंह लगातार एटीएम का चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि उनके पास दो हजार रुपए हैं और घर में राशन बहुत कम बचे हैं। इसलिए बैंक में रखे थोड़े पैसों की उनको जरूरत है लेकिन उसे वह निकाल नहीं पा रहे हैं।
अगर नबरंगपुर जिले के एसबीआई एटीएम तक भी उनको जाना पड़े तो इसके लिए ऑटोरिक्शा पर 350 रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
बहुत कम लोगों के पास हैं इलाके में खाते
जिले में अंचलगुमा पंचायत के सरपंज देबकी माझी का कहना है कि इलाके में बहुत कम लोगों के पास बैंक खाते हैं। लोग घर में ही पैसे रखते हैं और अब उनको 500-1000 के नोटों के बदले नए रुपए नहीं मिल पा रहे हैं।
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