मरकज परिसर को बंद करने का दिया गया था नोटिस- दिल्ली पुलिस
पूरे मामले में साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने बताया कि कार्यक्रम को रद्द करने को लेकर 2 बार नोटिस दिया गया था।
नई दिल्ली। सोमवार को राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से लगभग 200 लोगों को कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इनमें से कुछ लोगों के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली थी। दिल्ली सरकार ने निजामुद्दीन मरकज के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पूरे मामले पर साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने बताया कि कार्यक्रम को रद्द करने को लेकर 2 बार नोटिस दिया गया था।
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वहीं, इसपर मरकज की तरफ से सफाई दी गई है और कहा iगया है कि 24 मार्च को SHO हजरत निज़ामुद्दीन पुलिस स्टेशन ने, मरकज परिसर को बंद करने का निर्देश देते हुए एक नोटिस जारी किया था। 24 मार्च को इसका जवाब दिया गया जिसमें कहा गया कि मरकज को बंद करने के निर्देशों का पालन किया जा रहा है और पिछले दिन लगभग 1500 लोग वापस भेज दिए गए हैं। इसके बाद मरकज में विभिन्न राज्यों और देशों के लगभग 1000 विजिटर्स बच गए थे।
On 24th March,a notice was issued by SHO P.S. Hazrat Nizamuddin, seeking closure of Markaz premises. It was responded on 24th March, stating that compliance of directions regarding closure of Markaz is underway & around 1500 people had departed previous day...: Markaz, Delhi(1/3)
— ANI (@ANI) March 31, 2020
साथ ही यह भी बताया गया कि Ld. SDM को लोगों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजने के लिए वाहन के पास देने का अनुरोध किया गया था। इसके अलावा 17 वाहनों की पंजीकरण संख्या के साथ एक लिस्ट और ड्राइवरों के लाइसेंस का विवरण Ld. SDM को भेजा गया ताकि फंसे हुए विजिटर्स को उनके मूल स्थान भेजा जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में विभिन्न देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लिया था।
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निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज से दस से अधिक देशों के नागरिकों के समेत 200 लोगों को यहां के अलग अलग अस्पतालों में जांच के लिए ले जाया गया है। जिन लोगों को जांच के लिए ले जाया गया है, उनमें बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन के नागरिक शामिल है। मरकज़ परिसर में मेडिकल टीम और पुलिस मौजूद है। 860 लोगों को इमारत से अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है, 300 को शिफ्ट करना बाकी है।