तिहाड़ में भी जारी रहीं निर्भया के दोषियों की 'गलत हरकतें', सामने आई बड़ी जानकारी
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जेल में रहने के दौरान चारों दोषियों के आचरण में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ और उनकी गलत हरकतें...
नई दिल्ली। दिल्ली के बसंत विहार गैंगरेप मामले में आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। बीते 5 मार्च को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ चौथा डेथ वारंट जारी करते हुए 20 मार्च को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने का फैसला सुनाया था। चौथे डेथ वारंट के बाद भी निर्भया के चारों दोषी फांसी टालने की कोशिश में जुटे रहे और नए-नए हथकंडे अपनाते रहे। हालांकि इस बार निर्भया के दोषियों का कोई हथकंडा काम नहीं आया और तिहाड़ जेल प्रशासन ने तय समय पर उन्हें फांसी पर लटका दिया। तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जेल में रहने के दौरान भी चारों दोषियों में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ और जेल प्रशासन ने इन्हें कई बार दंडित किया।
23 बार तिहाड़ जेल के नियम तोड़े
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जेल में रहने के दौरान निर्भया केस के चारों दोषियों के आचरण में पिछले सात सालों में किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ था। चारों दोषियों ने कुल मिलाकर 23 बार तिहाड़ जेल के नियम तोड़े, जिनके लिए जेल प्रशासन ने चारों को दंडित भी किया। चारों दोषियों में विनय शर्मा को जेल नियम तोड़ने पर 11 बार, अक्षय ठाकुर को एक बार, मुकेश सिंह को तीन बार और पवन गुप्ता को जेल प्रशासन द्वारा आठ बार दंडित किया गया था।
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जेल में काम करते हुए कमाए 1 लाख 37 हजार रुपए
तिहाड़ जेल के सूत्रों ने यह भी बताया कि पिछले सात सालों में निर्भया के चारों दोषियों में से तीन ने जेल में काम करते हुए कुल 1 लाख 37 हजार रुपए की कमाई की। चारों दोषियों में से मुकेश ने जेल में अपने लिए कोई काम नहीं चुना, जबकि अक्षय ठाकुर ने मजदूरी करते हुए 69 हजार रुपए, पवन गुप्ता ने 29 हजार रुपए और विनय शर्मा ने 39 हजार रुपए कमाए। वहीं, साल 2016 में तीन दोषियों मुकेश, पवन और अक्षय ने 10वीं कक्षा का फॉर्म भरा और परीक्षा भी दी। हालांकि तीनों में से कोई भी इस परीक्षा में पास नहीं हो सका। वहीं 2015 में विनय ने गेजुएशन का फॉर्म भरा था, लेकिन उसने इसे बीच में ही छोड़ दिया।
विनय ने नहीं पहने जेल के कपड़े
आपको बता दें कि डेथ वारंट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक, चारों दोषियों के परिवार को फांसी से पहले दो बार उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी। जेल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चारों दोषियों में से विनय शर्मा सबसे ज्यादा परेशान और चिंतित नजर आ रहा है। उसने आखिरी वक्त में जेल प्रशासन की तरफ से दिए गए कपड़ों को भी पहनने से मना कर दिया।
मेरठ के पवन जल्लाद ने दी फांसी
गौरतलब है कि निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की प्रक्रिया पिछले महीने ही शुरू हो गई थी। तिहाड़ जेल में कोई जल्लाद ना होने के चलते फांसी देने के लिए मेरठ के पवन जल्लाद से संपर्क साधा गया था। निर्भया के चारों दोषियों को मेरठ के पवन जल्लाद ने ही फांसी दी है। फांसी से पहले चारों दोषियों को तिहाड़ में अलग-अलग कोठरी में रखा गया था और उनके ऊपर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी गई थी।
मामले में 6 लोगों को ठहराया गया था दोषी
दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को अपने घर लौट रही 23 वर्षीय छात्रा से बस के अंदर गैंगरेप के मामले में 6 लोगों को दोषी ठहराया गया था। इस घटना के कुछ दिन बाद छात्रा की मौत हो गई और लोगों ने सड़कों पर उतरकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन किए। दोषी ठहराए गए 6 लोगों में से एक राम सिंह ने ट्रायल के दौरान तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक दोषी नाबालिग था। इसके बाद बाकी चार दोषियों को आज सुबह फांसी दे दी गई।
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