एक ही मंत्रालय मिलने से BJP की एक और सहयोगी नाराज, जेडीयू के बाद शिवसेना ने उठाए सवाल
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने कमान संभाल ली है। मोदी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद इसमें शामिल 57 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा शुक्रवार को कर दिया गया। इसी के साथ सभी मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालना भी शुरू कर दिया है। हालांकि, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही एनडीए में शामिल बीजेपी के कुछ सहयोगी मंत्रालय में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। सबसे पहले जेडीयू ने एक मंत्री पद मिलने को लेकर सवाल उठाते हुए मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया। इस बीच खबर है कि शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में कम अहमियत वाला भारी उद्योग मंत्रालय मिलने पर कुछ नाराज है।
कैबिनेट मंत्री बनाए गए अरविंद सावंत, भारी उद्योग मंत्रालय का मिला प्रभार
शिवसेना के कुछ नेताओं ने इकोनॉमिक टाइम्स (ET) से बातचीत में कहा, "हमें इस बार भारी उद्योग मंत्रालय नहीं बल्कि रेलवे या फिर नागरिक उड्डयन जैसे मंत्रालय मिलने की उम्मीद थी।" पार्टी से जुड़े एक नेता ने कहा, "हम भाजपा के बाद एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं, और हम इतने लंबे समय तक उनके सहयोगी रहे हैं। ऐसे में हम ज्यादा बेहतर की उम्मीद कर रहे थे।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी नई सरकार में केवल एक मंत्रालय शिवसेना को मिला है। मुंबई दक्षिण से सांसद बने अरविंद सावंत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। विभागों के बंटवारे के बाद उन्हें भारी उद्योग मंत्रालय दिया गया है। हालांकि, पार्टी नेताओं को उम्मीद थी कि इस बार शिवसेना को दो से तीन मंत्रालय मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच खबरों के मुताबिक शिवसेना ने भी इशारों में बीजेपी आलाकमान से अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया है।
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एक मंत्रालय मिलने से शिवसेना में उठे सवाल
शिवसेना के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "कई पोर्टफोलियो हैं जहां परिवर्तन एक चुनौती है। उद्योग एक बहुत महत्वपूर्ण मंत्रालय है क्योंकि यह देश की प्रगति के साथ जुड़ा हुआ है। जिन उद्योगों को बंद किया जा रहा है, उन्हें पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया प्रधानमंत्री के तीन उद्देश्य हैं जिन्हें इस मंत्रालय के जरिए पूरा किया जाना है, केवल यही हम मानते हैं। हम देखेंगे कि उस दृष्टिकोण में क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है।" विभागों के बंटवारे के मुद्दे पर संजय राउत ने कहा, "हमने मंत्रालय को लेकर कोई मांग नहीं रखी थी क्योंकि विभागों का बंटवारा प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। हालांकि पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे दिल्ली में थे, उन्होंने एक संदेश बीजेपी आलाकमान को भेज दिया है।"
एक मंत्री पद पर नीतीश कुमार राजी नहीं, कैबिनेट में भी शामिल होने से इनकार
इससे पहले बिहार में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी जेडीयू ने एक मंत्री पद के मुद्दे पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इस संबंध में शपथ ग्रहण के अगले दिन यानी शुक्रवार को जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि गठबंधन सरकार में सांकेतिक नहीं, बल्कि अनुपातिक भागीदारी होनी चाहिए। हालांकि, गठबंधन में होने की वजह से जेडीयू भाजपा के साथ खड़ी है। लेकिन पार्टियों को अनुपात के हिसाब से मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलनी चाहिए। सांकेतिक प्रतिनिधित्व की जरूरत नहीं है।"
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