मणिपुर: एन बीरेन सिंह ने लगातार दूसरी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
इम्फाल, 21 मार्च: बीजेपी नेता एन बीरेन सिंह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री के तौर पर लगातार दूसरी बार शपथ ली। उन्हें राज्यपाल एल गणेशन ने शपथ दिलाई। इस मौके पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। एन बीरेन सिंह का मुख्यमंत्री के तौर पर यह लगातार दूसरा कार्यकाल है। एक दिन पहले ही एन बीरेन सिंह को विधायक दल का नेता चुना गया था।
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इससे पहले रविवार को इंफाल में मणिपुर भाजपा विधायक दल की बैठक में एन बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। बीजेपी विधायक दल की बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू भी शामिल हुए थे। इस मौके पर केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव, बीजेपी के राज्यसभा सदस्य लैशेम्बा सनाजाउबा और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी मौजूद थे।
शपथ के बाद मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि, मेरी सरकार का पहला कदम इसे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाना होगा। मैं राज्य से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए दिन-रात काम करूंगा। अगला कदम राज्य से किसी भी तरह के नशीली दवाओं से संबंधित मामले को खत्म करना होगा। तीसरा, मैं यह देखने की कोशिश करूंगा कि राज्य में सक्रिय सभी विद्रोहियों को बातचीत की मेज पर लाया जाए और संवाद हों। ये तीनों मेरे प्राथमिक कर्तव्य होंगे।
सीएम बीरेन सिंह के अलावा उनके मंत्रिमंडल को भी शपथ दिलाई गई है। नेमचा किपगेन, वाई. खेमचंद सिंह, थोंगम विश्वजीत सिंह, अवंगबौ न्यूमाई, और गोविंदास कोंथौजम ने इम्फाल में राज्य के कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली।
बता दें कि मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीट जीत कर बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस मात्र पांच सीटों पर सिमट गई है। दो राजनीतिक दलों जनता दल (यूनाइटेड) के छह सदस्यों ने, कुकी पीपुल्स एलायंस के दो सदस्यों ने तथा एक निर्दलीय ने भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया और उनके समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपे गए हैं। इससे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के पास 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में 41 की संख्या होगी और दो तिहाई बहुमत होगा।
भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 21 सीटें जीती थी। एनपीपी और एनपीएफ के चार-चार, टीएमसी के एक और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से भाजपा ने सरकार बनाई थी। जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गई और बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
एन बीरेन सिंह ने फुटबॉल खिलाड़ी के तौर पर अपना सफर शुरू किया और फिर सीमा सुरक्षा बल में उन्हें नौकरी मिल गई। इसके बाद वे पत्रकारिता में आ गए और स्थानीय भाषा के अखबार 'नहारोल्गी थोउदांग' के संपादक बने। इसके बाद उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। वह पहली बार 2002 में डेमोक्रेटिक रेवोल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी के टिकट पर विधानसभा के सदस्य बने। उन्होंने पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह नीत सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बने और वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला।
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सिंह इस सरकार में इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने और 2007 में फिर से निर्वाचित होने के बाद सिंचाई और खाद्य नियंत्रण, युवा मामलों और खेल तथा उपभोक्ता मामलों और जनापूर्ति विभाग के मंत्री बने। 2012 में सिंह के इबोबी सिंह के साथ रिश्ते खराब हो गए। 2016 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। 2017 में में बीजेपी से विधायक बन और राज्य के मुख्यमंत्री भी बने।