Motor Vehicle Act: गुजरात के बाद अब अन्य राज्यों में भी घट सकता हैं जुर्माना
बेंगलुरु। केंद्र सरकार द्वारा 10 दिन पहले लागू किया गया मोटर व्हीकल एक्ट लोगों के लिए आफत बन गया हैं। इसमें बढ़ाया गए जुर्माने की राशि लोगों के गले नहीं उतर रही हैं। जिस कारण बीजेपी सरकार के प्रति आम जनता का मोह भंग हो रहा है। वहीं गुजरात सरकार द्वारा यातायात नियमों में किए गए बदलाव से साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार के फैसले से खुद बीजेपी की सरकारें ही सहमत नहीं हैं।
खबरों के मुताबिक, अब तक सिर्फ 9 राज्यों में ही इस नए यातायात नियम को लागू किया गया है। उम्मीद जतायी जा रही है कि गुजरात की तर्ज पर अन्य राज्यों में सरकार जल्द ही यह जुर्माना घटा सकती हैं। विपक्षी पार्टियां भी लगातार जुर्माना राशि को लेकर केन्द्र सरकार को घेर रही हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट के महज 10 दिन बाद गुजरात सरकार ने मंगलवार को कई जुर्माने घटा दिए। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर केंद्र के बढ़ाए जुर्माने को राज्य सरकार ने 25% से 90% तक कम कर दिया है।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इसके लिए मानवीय आधार को कारण बताया है। माना जा रहा है कि इसे देखने के बाद अब दूसरे राज्य भी जुर्माना घटा सकते हैं। अब तक बीजेपी शासित कई प्रांतों समेत 12 राज्यों ने केंद्र की ओर से तय फाइन को घटाने के संकेत दिए हैं। बता दें कि नए मोटर वीइकल ऐक्ट में राज्यों को कुछ जुर्माने घटाने का अधिकार दिया गया है।
गुजरात में नए जुर्माने 16 सितंबर से लागू होंगे। हालांकि, सरकार ने शराब पीकर गाड़ी चलाने और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने का जुर्माना नहीं बदला है क्योंकि इनमें बदलाव का प्रावधान नहीं दिया गया है।
12 राज्यों में कम हो सकता है ट्रैफिक जुर्माना
बता दें कि अभी तक यह ऐक्ट कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के अलावा गुजरात में लागू नहीं हुआ है। कर्नाटक सरकार का भी कहना है कि अगर दूसरे राज्य जुर्माना कम करते हैं, तो वहां भी विचार किया जाएगा। गुजरात के बाद अब पंजाब, राजस्थान, महराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने भी जुर्माने को घटाने के संकेत दिए हैं।
कई राज्य पहले से नाराज
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने पहले ही जुर्माने की रकम में इतने बड़े इजाफे पर सवाल उठा चुके हैं। राजस्थान सरकार ने नया कानून तो लागू कर दिया, लेकिन जुर्माने की बढ़ी रकम पर विचार करने की बात कही। बता दें, एमपी और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, जबकि पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस शासित है।