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बेटी के चारों दोषियों को फांसी के तुरंत बाद निर्भया की मां ने क्या किया?

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नई दिल्ली। साल 2012 में दरिंदों की हैवानियत का शिकार हुई निर्भया को आज सात साल बाद इंसाफ मिला, जब सुबह चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। सात साल तक निर्भया के माता-पिता ने बेटी को इंसाफ दिलाने लिए जंग लड़ी। इस दौरान न जाने कितनी बार इनको कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। निर्भया के दोषियों के तमाम हथकड़ों के बावजूद इन्होंने हार नहीं मानी और न्याय के लिए लड़ती रहीं। चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज जाकर उनको इंसाफ मिला है लेकिन उनकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

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Nirbhaya Case: चारों दोषियों को दी गई फांसी, देखिए मां Asha Devi ने क्या कहा | वनइंडिया हिंदी
'मैंने अपनी बेटी की तस्वीर को गले से लगाया'

'मैंने अपनी बेटी की तस्वीर को गले से लगाया'

चारों दरिंदों की फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगी। निर्भया की मां बोलीं,'मैंने अपनी बेटी की तस्वीर को गले से लगाया और कहा कि आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिल गया, चारों दरिंदों को फांसी दे दी गई।' तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों गुनहगारों को फांसी दे दी गई, निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया।

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2012 में देश शर्मसार हो गया था- आशा देवी

2012 में देश शर्मसार हो गया था- आशा देवी

आशा देवी ने कहा, 'मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूं, न्यायपालिका का और सरकार का भी, अदालत ने दोषियों की सारी याचिकाएं खारिज कीं, साल 2012 में देश शर्मसार हो गया था।' बता दें कि फांसी से चंद घंटे पहले आधी रात के बाद दोषियों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया और आखिरकार चारों दरिंदों को सुबह 5.30 तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।

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चौथी बार जारी हुआ था डेथ वारंट

चौथी बार जारी हुआ था डेथ वारंट

चारों दोषियों ने पिछले कुछ महीनों में कई याचिकाएं दायर की थीं और फांसी टालने की पूरी कोशिश की थी, कानूनी अड़चनों के कारण निचली अदालत को तीन बार डेथ वारंट खारिज करना पड़ा था। गुरुवार को एक बार फिर डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग करते हुए दोषी अक्षय के वकील ने कोर्ट में कहा कि चारों को भले भारत-पाक सीमा पर भेज दिया जाए लेकिन इनको फांसी ना दी जाए। लेकिन कोर्ट ने इनकी दलीलों को खारिज कर दिया।

सात साल पहले हुई थी निर्भया के साथ हैवानियत

सात साल पहले हुई थी निर्भया के साथ हैवानियत

पैरामेडिकल छात्रा से साल 2012 में 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी और इसके बाद पीड़िता को बस से नीचे फेंक दिया था। वहीं, इलाज के दौरान निर्भया ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में निचली अदालत ने 5 दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। ट्रायल के दौरान दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। जबकि एक अन्य दोषी नाबालिग होने के कारण 3 साल बाद सुधार गृह से रिहा कर दिया। वहीं चारों दोषियों का आज सुबह तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।

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English summary
mother hugged nirbhaya's photo after hanging of four convicts
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