
मानसून की जल्द नहीं होगी वापसी, IMD ने सितंबर में यूपी-बिहार को लेकर की बड़ी भविष्यवाणी
नई दिल्ली, 1 सितंबर: एक हफ्ते पहले मौसम विभाग ने मानसून को लेकर जो भविष्यवाणी की थी, वह पूरी तरह से बदल दी है। आईएमडी ने साफ कहा है कि समय से पहले मानसून की वापसी के कोई संकेत नहीं हैं, बल्कि आने वाले दिनों में उन राज्यों में भी भारी बारिश हो सकती है, जिसे अभी तक मानसून ने खूब छकाया है। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बिहार के उत्तरी इलाकों का नाम लिया गया है। यहां बारिश नहीं होने के चलते धान की खेती बुरी तरह से चौपट हो रही है। लेकिन, अब मौसम विभाग कह रहा है कि मानसून की वापसी से पहले हो सकता है कि इन क्षेत्रों में इतनी बारिश हो जाए जो सारी कमी की क्षतिपूर्ति कर दे।

मानसून की जल्द नहीं होगी वापसी-मौसम विभाग
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक ने पिछले हफ्ते के दक्षिण-पश्चिम मानसून की जल्द वापसी के अनुमान खो खारिज करते हुए इसके अभी आसमान पर मंडराते रहने की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की रफ्तार थमने से पहले यह उत्तर प्रदेश और बिहार के सूखाग्रस्त इलाकों में बारिश करवाएगा। क्योंकि, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिस्थितियों के निर्माण के संकेत मिल रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में मौसम विभाग के डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने पिछले हफ्ते के अनुमानों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है और मानसूनी परिस्थितियां के अभी बरकरार रखने की बात कही है।

पहले जताया गया था जल्द वापसी का अनुमान
महापात्रा ने कहा है, 'भले ही हमारा अनुमान था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की जल्द वापसी होगी,लेकिन पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से 7 सितंबर के आसपास से मानसून ट्रफ को दक्षिण की ओर स्थानांतरित कर देगा। इससे मध्य और उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा की गतिविधि में वृद्धि होगी।' उन्होंने कहा कि 'इसलिए मानसून की जल्द वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं।' उन्होंने कहा है कि मौसम विभाग आसमानी गतिविधियों पर अपनी निगरानी बनाए रखेगा। बता दें कि 25 अगस्त को मौसम विभाग ने मानसून की वापसी की सामान्य तारीख 17 सितंबर से पहले ही दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापस का अनुमान जताया था।

तो यूपी-बिहार में हो जाएगी बारिश की भरपाई!
इस बार मानसूनी बारिश के साथ दिक्कत ये हुई है कि वैसे तो भारत में 6% ज्यादा बारिश हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मणिपुर, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के बड़े इलाके में कम बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते खरीफ फसल पर असर पड़ा है और धान की खेती उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पाई है। लेकिन, महापात्रा ने बड़ी जानकारी ये दी है कि सितंबर में ज्यादा बारिश होने से पश्चिमी और दक्षिण उत्तर प्रदेश और उत्तर-उत्तर-पश्चिमी बिहार में इतनी बारिश हो सकती है, जिससे कि पहले से कम हुई बारिश की क्षतिपूर्ति हो सके।

सितंबर में 109% बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के महानिदेशक के मुताबिक पूरे देश में औसत बारिश सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सितंबर में औसत वर्षा 109% रहने का अनुमान है, जो कि इस महीने के लिए दीर्घावधि औसत वर्षा 167.9 मिलीमीटर है। महापात्रा के मुताबिक, भारत के पूर्वोत्तर हिस्से के कई इलाकों और पूर्व एवं पश्चिमोत्तर भारत के कुछ भाग को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश रहने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के कई भाग तथा पूर्व एवं पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा की संभावना है।
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बारिश के बीच इन इलाकों में गर्मी की स्थिति बरकरार रहेगी
मौसम विभाग के डीजी ने कहा कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों को छोड़कर, देश के ज्यादातर हिस्सों में दिन के तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। वहीं, मध्य और उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा महसूस हो सकता है। वहीं देश के अधिकतर भाग में रात ज्यादा ज्यादा गर्म रहेगा। लेकिन, उत्तर-पश्चिम भारत और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पूर्वी भाग में हालात पूरी तरह से अलग रहेंगे। (इनपुट-पीटीआई)