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ऐसे तो अधूरा ही रह जाएगा कलाम सर का विजन 2020

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नई दिल्‍ली। पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम अपनी मृत्‍यु से पहले जब शिलांग के एक स्‍कूल में बच्‍चों के बीच थे तो उन बच्‍चों के लिए उन्‍होंने एक असांइनमेंट सोचकर रखा था। कलाम बच्‍चों को जो असांइनमेंट देना चाहते थे उसमें उन आइडियाज को बताना था जिससे संसद बिना किसी शोर-शराबे के चल सके। यहां पर बेकार की बहस हुए बिना उन उपायों पर चर्चा हो सके जो देश के लिए बेहतर हों। राष्‍ट्रपति कलाम ने देश के लिए जो सपना या जो विजन देखा था वह इन हालातों में तो मुश्किल ही लगता है क्‍योंकि देश सांसद इसके आड़े आ रहे हैं।

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बहस में खर्च होता जनता का पैसा

हालातों को देखकर लगता है कि उन्‍होंने जो सपना देश के लिए देखा था वह शायद ही वर्ष 2020 तक पूरा हो पाएगा।

संसद का मॉनसून सत्र का इसका ताजा उदाहरण है कि कैसे बिना किसी कामकाज के जनता के पैसे को विकास के कामों में लगाने के बजाय सिर्फ बहस और हंगामे में ही व्‍यर्थ किया जा रहा है। इस हंगामे की वजह से संसद की उत्‍पादकता दिन पर दिन गिरती जा रही है। जहां राज्‍य सभा की उत्‍पादकता गिरकर 9 प्रतिशत और लोकसभा की 60 प्रतिशत पर आ गई है।

एक नजर जरा इन आंकड़ों पर भी डालिए-

  • राज्‍यसभा और लोकसभा दोनों में ही 24 सत्रों में काम हुआ।
  • जहां लोकसभा में 14 बैठकें हुईं तो वहीं राज्‍यसभा में 15 बैठकें हुर्इं।
  • लोकसभा के लिए 79: 30 मिनट कामकाजी घंटे अधिसूचित हैं तो राज्‍यसभा के लिए 88 घंटे हैं।
  • लोकसभा में कामकाज के लिए 47:19 मिनट काम हुआ और 32 घंटे सिर्फ बहस में खत्‍म हो गए।
  • लोकसभा की उत्‍पादकता पूर्व में 103 प्रतिशत और 123 प्रतिशत रही है।
  • लेकिन इस बार यह घटकर 60 प्रतिशत पर आ गई।
  • राज्‍यसभा में कोई भी विधेयक न तो पेश किया जा सका और न पास हो सका।
  • वहीं लोकसभा में 10 विधेयक पेश हुए और 8 पारित हुए।
  • लोकसभा में इस बार सार्वजनिक महत्‍व के 253 मुद्दे उठाए गए।
  • वहीं राज्‍यसभा में यह आंकड़ा जीरो ही रहा।

लोकसभा में पेश हुए बिल

  • निरस्‍तीकरण और संशोधन (चतुर्थ) विधेयक, 2013
  • परक्राम्‍य लिखत (संशोधन) विधेयक, 2015
  • समायोजन (रेलवे) विधेयक, 2015
  • समायोजन विधेयक, 2015
  • भारतीय मानक ब्‍यूरो विधेयक, 2015
  • कैरेज बाई एयर (संशोधन) विधेयक, 2015
  • मर्चेंट शिपिंग (संशोधन) विधेयक, 2015
  • उपभोक्‍ता सुरक्षा विधेयक, 2015
  • उच्‍च न्‍यायालय एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्तें) संशोधन विधेयक, 2015
  • भारतीय ट्रस्‍ट (संशोधन) विधेयक, 2015

लोकसभा में पास हुए बिल

  • समायोजन (रेलवे) विधेयक, 2015
  • समायोजन विधेयक, 2015
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्‍याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक, 2015
  • दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय (संशोधन) विधेयक, 2015 (पहले राज्‍य सभा द्वारा पारित)
  • परक्राम्‍य लिखत (संशोधन) विधेयक, 2015
  • निरस्‍तीकरण और संशोधन (चतुर्थ) विधेयक, 2015
Comments
English summary
Monsoon session shows how the productivity of parliament is declining day by day. This session has been passed without having a fruitful debate.
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