संकट के बीच अपने घरों तक पैदल चल पडे़ प्रवासी मजदूर, अभी तक कई हुए इन हादसों का शिकार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) लॉकडाउन के चलते अलग-अलग शहरों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर पैदल ही जा रहे हैं। इनमें से 14 की बीते 24 घंटों के भीतर दो अलग-अलग सड़क हादसों में मौत भी हो गई है। ये हादसे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए हैं। लॉकडाउन लगने के बाद से ही प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। चाहे फिर बात दो वक्त की रोटी की हो या सुरक्षित अपने मूल निवास तक पहुंचने की।
कई मजदूरों की मौत अपने घर जाते समय रास्ते में ही हो गई है। बीते हफ्ते भी 16 मजदूर ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। ये सभी मध्य प्रदेश स्थित अपने घर की ओर जा रहे थे लेकिन औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पर हादसे का शिकार हो गए। कई रिपोर्ट्स में कहा गया कि ये लोग थके हुए थे और इसी वजह से ट्रैक पर बैठ गए थे। इसके बाद मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में भी एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां एक ट्रक के पलट जाने से पांच मजदूरों की मौत हो गई जबकि 13 गंभीर रूप से घायल हो गए। ये सभी आम से भरे ट्रक में छिपकर तेलंगाना से उत्तर प्रदेश जा रहे थे।
फिर बुधवार को दो अलग-अलग हादसों (मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुए) में 14 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। मध्य प्रदेश में सड़क हादसे में 8 मजदूरों की मौत हुई। ये हादसा बीती रात गुना में हुआ। हादसे में करीब 50 मजदूर घायल भी हुए। रिपोर्ट्स में कहा गया कि ट्रक की गुना में एक बस से जोरदार टक्कर हो गई थी। ये मजदूर उत्तर प्रदेश स्थित अपने घरों की ओर जा रहे थे। दूसरा हादसा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ। बस से हुए इस हादसे में 6 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि 4 अन्य घायल हो गए। जहां ये लोग काम किया करते थे, वहां की फैक्ट्री बंद होने के चलते सभी पंजाब से बिहार स्थित अपने घर जा रहे थे।
सेव लाइफ फाउंडेशन द्वारा जारी आंकड़ों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान लगभग एक तिहाई दुर्घटनाएं हुई हैं। 24 मार्च से 3 मई तक की अवधि में लॉकडाउन के पहले दो चरणों में 600 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। सबसे अधिक दुर्घटनाएं पंजाब (42) में हुईं। वहीं केरल में 26 और दिल्ली में 18 हुईं। एनजीओ का कहना है कि कुल 137 पीड़ितों में 42 प्रवासी, 78 लॉकडाउन के दौरान ड्राइविंग करने वाले और 13 आवश्यक कर्मचारी थे। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु और पंजाब में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
तबलीगी जमात से संबंधित लोगों की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर