रेडिकलाइजेशन पर स्टडी को गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी, जीएस बाजपेयी के नेतृत्व में इन राज्यों में किया जाएगा अध्ययन
नई दिल्ली। देश में कट्टरवाद एक ऐसी समस्या बन चुका है, जो देश के युवाओं को लगातार गलत रास्ते पर लेकर जा रहा है। कट्टरवाद को लेकर भारत सरकार काफी गंभीर है, इसीलिए गृह मंत्रालय ने शनिवार को कट्टरता (radicalisation) के विश्लेषण के लिए एक स्टडी की अनुमति दे दी है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएस बाजपेयी के नेतृत्व में ये स्टडी की जाएगी।
इन राज्यों में होगा अध्ययन
जानकारी के मुताबिक, इस स्टडी को जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, केरल और असम जैसे राज्यों में किया जा सकता है, जहां से कट्टरपंथी घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं। इन राज्यों में अध्ययन के लिए अलग टीमें गठित कर दी गई हैं, जो ये पता लगाएंगी कि देश में रेडिकलाइजेशन हल क्या है और इसे कैसे रोका जा सकता है ?
स्टडी में पुलिस के उपायों पर भी किया जाएगा विचार
जीएस बाजपेयी के मुताबिक, इस अध्ययन में ये भी पता लगाया जाएगा कि रेडिकलाइजेशन के जरिए आखिरी कैसे युवाओं को प्रभावित किया जाता है। इन चारों राज्यों के लिए बनाई गईं टीमें कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए इन राज्यों में पुलिस द्वारा किए गए उपायों को भी समझेंगी।
J&K, Maharashtra, Kerala & Assam have reported some incidents of serious radicalisation. We'll focus on these states/UTs & constitute teams to get evidence of such incidents: Prof. GS Bajpai of National Law University, who'll head Govt study on status of radicalization in India pic.twitter.com/oWFkOGhJ0A
— ANI (@ANI) November 21, 2020
कौन हैं जीएस बाजपेयी?
आपको बता दें कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएस बाजपेयी भारत में कट्टरता की स्थिति पर सरकार का अध्यन कर रहे हैं। जीएस बाजपेयी को इसी साल फरवरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार अपॉइंट किया गया था।