मेघालय की खदान में 12 दिनों से फंसे हैं 5 मजदूर, नौसेना से राज्य सरकार ने मांगी मदद
मेघालय की खदान में 12 दिनों से फंसे हैं 5 मजदूर, नौसेना से राज्य सरकार ने मांगी मदद
शिलांग, 11 जून: मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक कोयला खदान के अंदर पिछले 12 दिनों से 5 मजदूर फंसे हुए हैं। खदान में जल स्तर काफी ज्यादा है, इसलिए बचावकर्मी जल स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं। अब मेघालय सरकार ने भारतीय नौसेना से मदद मांगी है। कोयला खदान के अंदर फंसे मजदूरों के बचाव अभियान में कोई प्रगति ना देखते हुए मेघालय सरकार ने नौसेना से मदद की गुहार लगाई है। ईस्ट जयंतिया हिल्स में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी भर गई अवैध कोयला खदान के अंदर पिछले 12 दिनों से पांच मजदूर फंसे हुए हैं।
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मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा, "हमने बचाव अभियान में सहायता के लिए हमें नौसेना के गोताखोर उपलब्ध कराने के लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा है।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए सभी विकल्प तलाश रही है।
मेघालय सीएम बोले- बचाव अभियान बहुत कठिन है
मेघालय सीएम संगमा ने पहले बचाव अभियान को बहुत कठिन बताया था और कहा था कि जिला प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ सहित अन्य एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कुल 100 बचावकर्मी जल स्तर के लगभग 10 मीटर गहराई तक नीचे आने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे ऐसे जल स्तर में काम नहीं कर सकते थे।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में राज्य भर में रैट-होल कोयला खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अभी भी राज्य में आदेश का उल्लंघन कर अवैध खनन हो रहा है।
कोयला खदान का मालिक गिरफ्तार
पुलिस ने कोयला खदान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर अवैज्ञानिक खनन और कोयले के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने वाले एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
इस साल ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में 'रैट होल' की ये दूसरी घटना है
मेघालय में लगभग 560 मिलियन टन कोयले का भंडार होने का अनुमान है। ज्यादातर, असम और त्रिपुरा के अवैध प्रवासी श्रमिक खनन गतिविधियों में लगे हुए हैं। एनजीटी के मुताबिक अंधाधुंध और अवैज्ञानिक खनन, खनन के बाद के उपचार, नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को पर्यावरणीय क्षरण के प्रति अधिक संवेदनशील बना रही है। इस साल अवैध 'रैट होल' कोयला खदानों के लिए बदनाम ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में यह दूसरी खनन घटना है।