राज्यसभा चुनाव में भाजपा के लिए संकट, अमित शाह ने ओम प्रकाश राजभर को मिलने बुलाया
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों की राज्यसभा चुनाव होने हैं। इनमें से 8 सीटों पर तो भारतीय जनता पार्टी आसानी से जीत हासिल कर लेगी लेकिन 9वीं सीट पर जीतने के लिए उसे सहयोगियों की जरूरत होगी। हालांकि राज्य में भाजपा के सहयोगी दल सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बागी सुर अख्तियार कर लिए हैं। राजभर ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें अमित शाह से बात नहीं करने दिया गया तो वह राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा के पक्ष में वोटिंग नहीं करेंगे। हालांकि भाजपा ने यूपी की 9वीं सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए आज शाह और राजभर के बीच मुलाकात होगी। आइए आपको राजभर के वो बड़े बयान बताते हैं जिसने भाजपा को उनके आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
ये लोग पागल होकर घूम रहे हैं
राजभर ने कहा था कि हां हम सरकार व एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन भाजपा गठबंधन धर्म नहीं निभा रही है। मैंने अपनी चिंता से पार्टी को कई बार अवगत कराया है, लेकिन ये लोग 325 सीट के नशे में पागल होकर घूम रहे हैं। सोमवार को राजभर की बयानबाजी के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना उनसे मुलाकात करने के लिए उनके घर गए। लेकिन तमाम मान मनौव्वल की कोशिश विफल रही।
सरकार ने जमीन पर कुछ खास नहीं किया
इससे पहले राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि इस एक वर्ष में सरकार ने जमीन पर कुछ खास नहीं किया, यह सरकार मंदिर पर ही अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। दूसरी ओर राजभर ने शुक्रवार(16 मार्च) को सीएम आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद राजभर ने कहा कि हमलोगों को उपचुनाव में पूछा ही नहीं गया, नहीं तो वे लोग भी मेहनत करते।
वोटर को मतदान केंद्र तक नहीं ला सके
ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कि सहयोगी दलों की मदद ली गई होती तो तस्वीर कुछ और होती। दिव्यांग जन कल्याण मंत्री राजभर ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को हमारा भी सहयोग गोरखपुर और फूलपुर में हुए लोकसभा के उपचुनाव में लेना चाहिए था लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं किया। वैसे तो उपचुनावों में वोटिंग प्रतिशत कम ही रहता है। लेकिन गोरखपुर और फूलपुर में इतना कम मतदान होगा बीजेपी ने नहीं सोचा था। बीजेपी के कार्यकर्ता अपने वोटर को मतदान केंद्र तक नहीं ला सके।
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