भारत ने कहा कि, नक्शे में किया गया परिवर्तन एकतरफा, इसे बातचीत से करें हल
नई दिल्ली। नेपाल सरकार द्वारा लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपने नए राजनीतिक नक्शे में दिखाने पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि, नेपाल की तरफ से नक्शे में किया गया परिवर्तन एकतरफा है। इससे बातचीत के जरिए निपटा जाएगा। हमें उम्मीद है कि नेपाल बातचीत का माहौल बनाएगा। इससे पहले भारत ने नेपाल से कहा था कि, इस तरह से क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं किया जायेगा।
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एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने उम्मीद जताई कि नेपाली नेतृत्व बातचीत के जरिए सकारात्मक माहौल बनाएगा। इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि नेपाल सरकार ने आज संशोधित मानचित्र जारी किया है, जिसमें भारत के हिस्सा शामिल है। एकतरफा कार्रवाई ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। यह सीमा के मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाने की सहमति के विपरीत है।
Revised map (by Nepal) is a unilateral decision. All matters related to border issues with Nepal will be dealt with through talks. We hope Nepalese leadership create a positive environment for talks: MEA Spokesperson Anurag Srivastava
— ANI (@ANI) May 21, 2020
नेपाल द्वारा जारी किए मानचित्र के कुछ घंटों बाद भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब नेपाल सरकार ने अपने संशोधित राजनीतिक एवं प्रशासनिक नक्शे में लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने क्षेत्र के तहत प्रदर्शित किया। जो कि भारत के हिस्से में आता है। श्रीवास्तव ने नेपाल से भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहा और उम्मीद जतायी कि नेपाली नेतृत्व लंबित सीमा मुद्दे के समाधान के संबंध में राजनयिक वार्ता के लिये सकारात्मक माहौल बनायेगा।
वहीं मानचित्र विवाद के बीच थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि यह विश्वास करने के कारण हैं कि नेपाल ने किसी और के इशारे पर सड़क को लेकर आपत्ति जतायी । हाल ही में भारत ने लिपुलेख इलाके में एक सड़क का उद्घाटन किया था। लिपुलेख से होकर ही तिब्बत चीन के मानसरोवर जाने का रास्ता है। इस सड़क के बनाए जाने के बाद नेपाल ने कड़े शब्दों में भारत के कदम का विरोध किया था।
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