अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोलीं मायावती
नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मध्यस्थता के जरिए इस मसले को सुलझाने का आदेश दिया है। आज आया फैसला कई मायनों में अहम है क्योंकि इस बातचीत कोर्ट की निगरानी में होगी। बातचीत के लिए एक समिति का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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फैजाबाद में बंद कमरे में बैठकर होगी मध्यस्थता
प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि अयोध्या मामले का सभी पक्षों को स्वीकार्य तौर पर निपटारे के लिये माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैजाबाद में बंद कमरे में बैठकर मध्यस्थता कराने का जो आदेश आज पारित किया है वह नेक नीयत पर आधारित ईमानदार प्रयास लगता है, इसलिये बीएसपी उसका स्वागत करती है। बता दें कि इस विवाद का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक समिति गठित की गई है।
जस्टिस मोहम्मद इब्राहिम हैं समिति के अध्यक्ष
सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के जरिए इस विवाद का हल निकालने के लिए एक समिति गठित की है। जिसके अध्यक्ष जस्टिस मोहम्मद इब्राहिम खलीफुल्ला हैं। इसके अलावा धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू मध्यस्थता समिति में शामिल हैं। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए बातचीत फैजाबाद में होगी और समिति को 4 हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट सौंपनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बातचीत के प्रक्रिया कैमरे के सामने होगी. बातचीत की पूरी प्रक्रिया 8 हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी।
अयोध्या विवाद: मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें
कईयो ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा, 'हम पहले ही कह चुके हैं कि हम मध्यस्थता में सहयोग को तैयार हैं। अब, इस मामले में हमें जो कुछ भी कहना है, हम मध्यस्थता पैनल से कहेंगे, इसपर बाहर कुछ नहीं कहेंगे।' इसके अलावा मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि अयोध्या विवाद बातचीत से हल हो जाए तो बेहतर, हम फैसले का स्वागत करते हैं।
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