किसानों के समर्थन में आई ममता बनर्जी, बोलीं-कानून से पहले बन गई गोदामें
कोलकाता। Mamata Banerjee support farmers protest. कृषि कानूनों (farm laws) के मसले पर सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही। अगली बैठक 8 जनवरी को होने वाली है। इस बीच पश्चिम बंगाल (west Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(mamata banerjee) ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। किसानों(farmers protest) का समर्थन करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, सरकार की कानून वापस लेने की कोई मंशा नहीं दिख रही है।
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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि, मैं किसानों के पक्ष में हूं। केंद्र सरकार को देश और किसानों की खातिर इन तीन बिलों को वापस लेना चाहिए। बिलों के आने से पहले उनके गोदाम बन गए हैं। उनकी राजनीतिक मंशा स्पष्ट है। वे इसे वापस नहीं लेना चाह रहे हैं। ममता बनर्जी पहले भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे चुकी हैं। डेरेक ओ. ब्रायन, शताब्दी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और एम.डी. नद्दीमुल हक सहित तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की थी।
वहीं प्रधानमंत्री किसान योजना को पश्चिम बंगाल में लागू करने को लेकर राज्य सरकार के तैयार होने का संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने केंद्र से उन किसानों का ब्योरा मांगा है, जिन्होंने इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपना पंजीकरण किया है। प्रेसवार्ता के दौरान बनर्जी ने कहा कि विवादास्पद तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के वास्ते वह जल्द ही विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगी। इन कानूनों के खिलाफ किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, '' मैंने कई बार केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत आवंटित राशि राज्य सरकार को स्थानांतरित की जाए। हाल ही में उन्होंने (केंद्र सरकार के अधिकारियों) दावा किया था कि योजना का लाभ लेने के लिए बंगाल के करीब 21.7 लाख किसानों ने पोर्टल पर अपना पंजीकरण किया है। उन्होंने (केंद्र) इस डेटा के सत्यापन की मांग की है। मुझे लगता है कि केंद्र इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहा था।
आज भी बेनतीजा खत्म हुई किसान-सरकार की वार्ता, 8 जनवरी को होगी अगली बैठक