पश्चिम बंगाल: हार के बाद ममता की TMC की 10 बैठक बुलाने के पीछे है पीके का दिमाग!
कोलकाता: लोकसभा चुनाव में हार के बाद टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी को हुए नुकसान के आकलन के लिए संगठन के कामकाज पर पर अधिक फोकस करने की जरुरत पर जोर दिया था। ममता ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद एक महीन में पार्टी की 10 बैठकें आयोजित की हैं। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी की सफलता का श्रेय रणनीतिकार प्रशांत किशोर को दिया गया। पीके ने ममता से उनकी पार्टी को मदद करने के लिए हाथ मिलाया है। इसके बाद टीएमसी में काफी बदलाव देखे जा रहे हैं।
पार्टी की बैठकों पर जोर
पिछले एक महीने से टीएमसी प्रमुख ममता हर शुक्रवार को विभिन्न जिलों ब्लॉक स्तर के नेताओं से लेकर मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं। वह अब तक 400 से अधिक प्रशासनिक बैठकें कर चुकी हैं। इससे पहले इन मीटिंगो का लाइल कवरेज हो रहा था, लेकिन अब ये बंद कमरों में हो रही हैं। इनकी मीडिया तक पहुंच नहीं है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ममता इन मीटिंग मे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ उनकी समस्याओं पर बात कर रही है।
पार्टी मुख्यालय में फोकस
हाल में संपंन्न लोकसभा चुनाव में टीएमसी मुख्यालय में हलचल काफी कम थी। पिछले साल सितंबर में ममता ने वहां सिर्फ एक बैठक की। चुनाव के बाद पार्टी के सीनियर नेताओं सुभेंदु प्रवेश और अभिषेक बनर्जी को हफ्ते के कुछ दिनों में पार्टी कार्यालय में बैठने के लिए कहा गया है। उन्हें वहां आम कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनने का जिम्मा सौंपा गया है। ममता ने भी 10 से अधिक बार मुख्यालय का दौरा किया है। सभी संगठनात्मक स्तर की बैठकें भी यहीं हो रही हैं। इतना ही नहीं पहली बार विपक्ष के विधायकों को भी समीक्षा बैठक में बुलाया जा रहा है। विपक्ष लंबे समय से टीएमसी पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाते रहा है।
प्रशासन पुलिस ना रहें निर्भर
चुनाव परिणामों से पहले सत्ताधारी पार्टी के चुनिंदा सदस्यों ने पुलिस और प्रशासन पर पार्टी की निर्भरता को अस्वीकार कर दिया था। चुनाव परिणामों के बाद ममता ने सभी जिला स्तरीय संगठनात्मक बैठकों में टीएमसी कार्यकर्ताओं को पुलिस पर निर्भर न रहने का निर्देश दिया है। ममता ने कहा कि पुलिस प्रशासन अपना काम करेगा, पार्टी अपना काम करेगी। चुनाव के बाद ममता ने तुरंत अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से जनता के साथ अपने संबंधों को और मजबूत बनाने को कहा है। टीएमसी के नेता अब हर जिले में यात्रा'आयोजित कर रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में पार्टी ने कई परिवर्तन देखे गए हैं।
प्रशांत किशोर भी सक्रिय
प्रशांत किशोर भी सक्रिय हो गए हैं और राज्य के कुछ दौरे कर चुके हैं। रिपोट्स के मुताबिक उन्होंने राज्य के मंत्रियों और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। उन्होंने पार्टी के उच्च लोगों से कहा है कि वो चुनाव मोड से बाहर आएं और लोगों तक पहुंचे। उन्होंने पार्टी को शांत रहने और हर बात पर प्रतिक्रिया नहीं देने को कहा। किशोर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वह यहां उनकी सहायता के लिए हैं और सभी निर्देश पार्टी आलाकमान द्वारा दिए जाएंगे।
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