Maiden Pharma Gambia विवाद के बाद भारतीय कफ सिरप की जांच का आदेश, चार सदस्यीय टीम गठित
Maiden Pharma Gambia में बच्चों की मौत के बाद विवादों में है। भारत सरकार ने देश में बनने वाली कफ सिरप की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच समिति बनाई है। maiden pharma Gambia govt probe panel Indian cough syrups WHO report
Maiden Pharma Gambia में बच्चों की मौत के बाद विवादों में है। भारत सरकार ने देश में बनने वाली कफ सिरप की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच समिति बनाई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने बुधवार को गांबिया में 66 बच्चों की मौत के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की जांच के लिए चार विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया। कथित तौर पर मेड इन इंडिया कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत हो गई थी।
कफ सिरप सैंपल परीक्षण
भारतीय कफ सिरप की जांच समिति से जुड़ी इंडियाटीवी न्यूज डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने यह भी संकेत दिया है कि डब्ल्यूएचओ के अस्थायी परिणामों के अनुसार, कफ सिरप के 23 नमूनों में से चार में डायथाइलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है। बता दें कि गांबिया में बच्चों की मौत मामले में भी मेडेन फार्मा के कफ सिरप में कथित तौर पर डायथाइलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया। डब्ल्यूएचओ ने कंप्लेन के बाद कफ सिरप सैंपल परीक्षण के तहत उत्पादों की जांच की गई है।
भारतीय सिरप से बच्चों की मौत
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने बुधवार को गांबिया में 66 बच्चों की मौत के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भेजी गई रिपोर्टों की जांच के लिए चार विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया। कथित तौर पर मेड इन इंडिया कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत हो गई थी।
क्या करेगी 4 सदस्यीय जांच समिति
सूत्रों ने कहा कि 4 सदस्यीय जांच समिति डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर फैसला लेगी। समिति भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को सलाह देगी। इसमें adverse event reports, causal relationship समेत सभी संबंधित विवरणों की जांच शामिल होगी।
पैनल में कौन लोग शामिल हैं
तकनीकी विशेषज्ञों की चार सदस्यीय समिति में डॉ. वाई. के गुप्ता हैं। डॉ गुप्ता दवाओं पर स्थायी राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष है। तीन और सदस्यों के नाम-
- डॉ प्रज्ञा डी यादव, एनआईवी, आईसीएमआर, पुणे।
- डॉ. आरती बहल, महामारी विज्ञान विभाग, एनसीडीसी, नई दिल्ली।
- एके प्रधान, जेडीसी (आई), सीडीएससीओ।
कफ सिरप में मिली चीजों पर संदेह
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को सूचित किया था कि वे गाम्बिया को तकनीकी सहायता और सलाह प्रदान कर रहे हैं। जहां बच्चों की मृत्यु हुई वहां दवाओं ( प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन बीपी, कोफेक्सनालिन बेबी कफ सिरप, माकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रिप एन कोल्ड सिरप) के उपयोग का संदेह जाहिर किया गया था।
लाइसेंस रद्द भी हो सकता है
गौरतलब है कि भारत सरकार ने जांच पैनल का गठन हरियाणा सरकार द्वारा मेडेन फार्मास्युटिकल्स की सोनीपत इकाई में दवा निर्माण को रोकने के आदेश के ठीक एक दिन बाद आया है। उन्होंने अपने उत्पाद में पाए गए "कई उल्लंघनों" की व्याख्या करने के लिए दवा-निर्माण कंपनी को एक सप्ताह का टाइम भी दिया है। अगर कंपनी जवाब देने में विफल रहती है तो कंपनी का उत्पादन निलंबित या इसका लाइसेंस रद्द भी हो सकता है।
भारत की चार कफ सिरप की जांच
उत्पादन रोकने का आदेश विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अफ्रीकी राष्ट्र गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के कुछ दिनों बाद आया है। कथित तौर पर मेडेन फार्मा की इकाई में प्रोड्यूस की गई कफ सिरप समेत भारत की चार कफ सिरप की संभावित भूमिका हो सकती है।
CDSCO और हरियाणा सरकार की जांच
बता दें कि मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, हरियाणा के सोनीपत में दवाओं का उत्पादन और निर्यात करती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल अधिक मात्रा में मिला हो सकता है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इस मामले को हरियाणा राज्य नियामक प्राधिकरण के समक्ष उठाया था। सीडीएससीओ ने हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक के साथ विस्तृत जांच शुरू की थी।
WHO की रिपोर्ट कब जारी हुई
डब्ल्यूएचओ की अंतरिम रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि कफ सिरप के 23 नमूनों में से चार में डायथाइलीन ग्लाइकॉल/एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है। एक सूत्र ने कहा, "सीडीएससीओ ने डब्ल्यूएचओ से अनुरोध किया था कि वह उपरोक्त उल्लिखित दवाओं की कथित मिलावट के साथ उक्त मौतों में प्रत्येक के कारण की पुष्टि के लिए प्रासंगिक विश्लेषण / रिपोर्ट प्रदान करे। डब्ल्यूएचओ ने 11 अक्टूबर, 2022 को ये रिपोर्ट शेयर की थी।
WHO कर रहा है आगे की जांच
इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ ने सूचित किया है कि वे जांच को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं। सूत्र ने कहा, तत्काल मामले में डब्ल्यूएचओ से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट / adverse events / और सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस के विवरण की जांच और विश्लेषण करने के लिए, तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है।
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