....तो इस तरह NCP के लिए विलेन से हीरो बन गए अजित पवार
नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में आया भूचाल अब थमता दिख रहा है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठ बंधन की सरकार आज बनने जा रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हालांकि इसमें थोड़ी देर जरूर हो गई। 23 नवंबर को एनसीपी नेता अजित पवार की वजह से जो सियासी हलचल पैदा हुई अब वो थम गई है। बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाने वाले एनसीपी नेता अजित पवार की घर वापसी हो चुकी है।
अजित पवार की घर वापसी, सुप्रिया ने लगाया गले
अजित पवार के बागी तेवर ने गठबंधन के दल शिवसेना और कांग्रेस को एनसीपी पर हमला करने का मौका दे दिया था। पार्टी में फूट पड़ती दिख रही थी। एनसपी प्रमुख शरद पवार का परिवार टूटने लगा। अजित पवार को एनसीपी के विधायक दल के नेता बने थे पार्टी में फूट की वजह बन गए, लेकिन इन सबके बावजूद अजित पवार ने एनसीपी से नेता नहीं तोड़ा। बीजेपी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहते हुए अजित पवार ने साफ किया कि वो एनसीपी में थे और बने रहेंगे। वहीं जहां कांग्रेस और शिवसेना अजित पवार पर बौखलाहट दिखा रही थी तो वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अजित के फैसले से पार्टी को अलग कर लिया, लेकिन वो उनपर कार्रवाई से बचते रहे।
शिवसेना ने कहा-अजित ने बड़ा काम किया
अजित
पवार
के
इस
बागी
रूप
ने
पार्टी
के
लिए
मुश्किल
खड़ी
कर
दी,
लेकिन
उनकी
वापसी
के
साथ
ही
वो
ब
खत्म
हो
गया।
बहुमत
के
आंकड़ों
से
दूर
बीजेपी
सरकार
में
डिप्टी
सीएम
बने
अजित
पवार
ने
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया
और
पार्टी
में
वापसी
की।
वहीं
पार्टी
ने
भी
उन्हें
बिना
बेरूखी
दिखाए
गले
से
लगा
दिया।
एनसीपी
नेता
सुप्रीया
सुले
ने
उन्हें
विधानसभा
परिसर
में
गले
से
लगाया।
वहीं
शिवसेना
विधायक
आदित्य
ठाकरे,
कांग्रेस
के
कई
नेता
विधान
भवन
में
हर
पार्टी
के
विधायक
का
गर्मजोशी
से
स्वागत
किया।
जो
शिवसेना
अब
तक
अजित
पवार
पर
धोखा
देने
का
आरोप
लगा
रही
थी
वहीं
अब
ये
कहती
नजर
आई
कि
अजित
पवार
को
गठबंधन
में
ठीक
स्थान
मिलेगा,
वो
बहुत
बड़ा
काम
करके
आए
हैं।
शरद पवार से मिली माफी
इन सबके अलावा सबकी निगाहें शरद पवार पर थी। अजित की वापसी के बाद उन्होंने उन्हें माफी दे दी। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि अजित पवार ने अपनी गलती मान ली है और शरद पवार साहेब ने उन्हें माफ कर दिया है। वहीं बुधवार को प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने सभी विधायकों को शपथ दिलाई थी तो उस दौरान विधान भवन के बाहर एनसीपी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के समर्थन में नारे लगाए। इन सबसे अजित पवार की लोकप्रियता और पार्टी में उनकी पैठ का पता चलता है।