
शिवसेना संकट: ....तो लोकतंत्र खतरे में है, SC में उद्धव के वकील कपिल सिब्बल की दलील
नई दिल्ली, 20 जुलाई: महाराष्ट्र में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच जारी सियासी लड़ाई की सुप्रीम कोर्ट में आगे की सुनवाई अब एक अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति एनवी रमना ने आज की सुनवाई में यह भी कहा है कि उन्हें लगता है कि इस मामले को बड़ी बेंच में सुने जाने की आवश्यकता है। इससे पहले शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील ने महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से लोकतंत्र को खतरा बताया है। उन्होंने संविधान की दुहाई देते हुए कहा कि इस तरह से तो देश में किसी भी चुनी हुई सरकार को गिराया जा सकता है। उधर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए कोर्ट से और वक्त मांगा है।
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'.....तो लोकतंत्र खतरे में है।'
महाराष्ट्र में शिवसेना में जारी सियासी घमासन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे कैंप की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए और अदालत में उनके पक्ष में दलीलें रखीं। कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 'अगर मामले को स्वीकार किया जा सकता है तो देश में किसी भी चुनी हुई सरकार को गिराया जा सकता है। 10वीं अनुसूची के तहत रोक के बावजूद अगर राज्य सरकारों को गिराया जा सकता है तो लोकतंत्र खतरे में है।'

शिंदे गुट ने जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय
उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए और ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिकाओं का जवाब देने के लिए समय मांगा और अदालत से अगले हफ्ते सुनवाई करने की मांग रखी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों के लिए बड़ी बेंच की आवश्यकता है। एक बड़ी बेंच इस मुकदमे को सुन सकती है।
5 जजों की बेंच में भेजने की आवश्यकता पड़ सकती है- सुप्रीम कोर्ट
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 1 अगस्त को तय कर दी और इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे कैंप को शिवसेना के उद्धव ठाकरे कैंप की ओर से दायर याचिकाओं पर हलफनामा दायर करने का वक्त दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि याचिकाओं के मसलों को सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच में भेजने की आवश्यकता पड़ सकती है। अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर से भी कहा है कि यथास्थिति बनाए रखें और किसी भी अयोग्यता के आवेदन पर फैसला ना करें। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव से भी कहा है कि सारे रिकॉर्ड को सुरक्षित रखें।
Supreme Court says the issues in petitions may require reference to a 5-judge bench. Speaker will maintain the status quo and not decide on any disqualification applications.
Supreme Court also tells the Legislative Assembly secretary to keep all records in safe custody.
— ANI (@ANI) July 20, 2022