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Shinde की शह पर महाराष्ट्र के 'बागी विधायकों' ने नारियल पानी से 'भेदा सुरक्षा घेरा' ! ऐसे भागे शिवसेना विधायक

महाराष्ट्र का सियासी संकट (maharashtra crisis) लगातार सुर्खियों में है। बागी शिवसेना विधायकों (shiv sena rebel MLAs) ने गुवाहाटी जाने के लिए 'नारियल पानी' (sena rebel mlas coconut water security) का सहारा लिया।

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मुंबई, 25 जून : महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट (maharashtra political crisis) गहराने के बीच दिलचस्प घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा घटनाक्रम में नारियल पानी और बागी शिवसेना विधायकों के कनेक्शन की रिपोर्ट सामने आई है। इसमें बताया गया है कि कैसे सिक्योरिटी को चकमा देने के लिए एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना विधायकों ने नारियल पानी का सहारा (sena rebel mlas coconut water security) लिया। गौरतलब है कि लगभग 31 महीने पुरानी उद्धव ठाकरे की सरकार के अल्पमत में आने की आशंका है। गौरतलब है कि विधायकों के आसानी से पहले गुजरात के सूरत और फिर गुवाहाटी जाने को लेकर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने नाराजगी दिखाई थी। खबरों के मुताबिक उन्होंने गृह मंत्री से पूछा था कि शिवसेना विधायक मुंबई से जा रहे थे तो गृह मंत्री को इसकी खबर क्यों नहीं थी ?

बागी विधायकों की अनोखी तरकीब

बागी विधायकों की अनोखी तरकीब

शिवसेना विधायकों के एक वर्ग का विद्रोह सुर्खियों में है। महाराष्ट्र सरकार को सकते में डालने वाली इस घटना के ताजा प्रकरण में नारियल पानी का कनेक्शन उभरा है। न्यूज18डॉटकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक बागी विधायकों ने गुजरात के सूरत जाने से पहले किसी ने अपने सुरक्षा कर्मियों को पर्चियां दीं, किसी ने निजी काम का बहाना बनाया। बाद में गुवाहाटी पहुंचे बागी विधायक अभी वहीं के आलीशान होटल में डेरा डाले हुए हैं।

शिंदे की शह पर ऐसे छकाया

शिंदे की शह पर ऐसे छकाया

शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में असंतुष्ट विधायक अपनी चतुराई से सुरक्षा गार्डों के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की आंखों में धूल झोंकने में सफल रहे। इस घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र सरकार और खुफिया विभाग की विफलता की चर्चाओं को जन्म मिल रहा है। न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विधायकों ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने सुरक्षा अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को पर्ची दी। इसका मकसद सरकारी तंत्र को उनकी योजनाओं से अनजान रखना था।

चुनाव नतीजों के बाद शिंदे से संपर्क कटा !

चुनाव नतीजों के बाद शिंदे से संपर्क कटा !

दरअसल, 20 जून को विधान परिषद के चुनावों के नतीजे आने के बाद एकनाथ शिंदे शिवसेना के संपर्क से दूर हो गए थे। वह और बागी विधायकों का एक समूह पहले गुजरात में रहा। इसके बाद असंतुष्ट खेमा भाजपा शासित प्रदेश असम पहुंचा। इसमें 38 शिवसेना और 10 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। बुधवार से महाराष्ट्र के ये विधायक गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं। इनका विद्रोह 21 जून की सुबह सार्वजनिक हुआ था।

सिक्योरिटी को विधायकों की पर्ची में क्या ?

सिक्योरिटी को विधायकों की पर्ची में क्या ?

महाराष्ट्र के असंतुष्ट विधायकों का दल कैसे मुंबई से, लगभग 280 किलोमीटर दूर सूरत भागने में सफल रहा ? इस पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया, राज्य पुलिस विभाग से मिले सुरक्षाकर्मियों को कई विधायकों ने बताया कि उन्हें कुछ निजी काम है। सिक्योरिटी में तैनात सुरक्षाकर्मियों को विधायकों ने वापस लौटने तक इंतजार करने के लिए कहा। हालांकि, इसके बाद वे बिना बताए सूरत चले गए।

पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी

पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी

पुलिस अधिकारी के मुताबिक मुंबई के एक विधायक अपने कार्यालय में बैठकर नारियल पानी की चुस्की ले रहे थे। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वह कुछ ही मिनटों में लौट आएंगे और वहां से चले गए। पार्टी के एक अन्य विधायक ने कहा कि उन्हें किसी काम से घर जाना है। बकौल पुलिस अधिकारी, युवा सेना के एक पदाधिकारी अपनी कार में यात्रा जा रहे थे, लेकिन कुछ दूर चलने के बाद विधायक ने उन्हें उतरने के लिए मजबूर किया और खुद आगे बढ़ गए।

पुलिस को छकाने के लिए विधायकों की चाल

पुलिस को छकाने के लिए विधायकों की चाल

महाराष्ट्र से भागे विधायकों के बारे में पुलिसकर्मी ने बताया, "एक अन्य विधायक ने अपने सुरक्षा कर्मियों को एक होटल के बाहर जाने के लिए कहा।" विधायक ने कहा कि उन्हें अंदर कुछ काम है, लेकिन अपने गार्ड को छोड़ कर विधायक दूसरे गेट से भाग गए।" बकौल पुलिस अधिकारी, विधायक के नहीं आने पर, सुरक्षा अधिकारियों ने अपने सीनियर अधिकारी को सूचित किया। अधिकारी ने बताया कि इसी तरह की घटना कुछ अन्य विधायकों के मामले में भी हुई।

विधायकों की सुरक्षा कैसी ?

विधायकों की सुरक्षा कैसी ?

चार विधायकों को पुख्ता सिक्योरिटी कैटेगरी वाली सुरक्षा श्रेणियां (categorised security cover) मिली हैं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक कैटेगराइज्ड सिक्योरिटी वाले इन नेताओं में शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, गृह राज्य मंत्री शंभूराज देसाई, मंत्री अब्दुल सत्तार और संदीपन भुमरे शामिल हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन चार विधायकों की सुरक्षा एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारी) और सुरक्षा अधिकारी करते थे, लेकिन उनके सुरक्षा कर्मियों को उनकी योजनाओं के बारे में पता नहीं था, क्योंकि उनके व्यक्तिगत यात्रा कार्यक्रम का खुलासा नहीं किया गया था।

चंद घंटों में हो गया ड्रामा

चंद घंटों में हो गया ड्रामा

रिपोर्ट्स के अनुसार, विधायकों और सांसदों की सुरक्षा उनके व्यक्तिगत खतरे की धारणा पर आधारित है। न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने बताया, जब तक एसपीओ ने अपने सीनियर अधिकारियों को विधायकों की गतिविधि के बारे में सूचित किया, तब तक विधायक राज्य की सीमा पार कर चुके थे। यह सारा ड्रामा चंद घंटों में ही हुआ। उनकी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस अधिकारियों को भागने की योजना के बारे में पता नहीं था।

गृह विभाग की दो टूक- नो इंटेलिजेंस फेल्योर

गृह विभाग की दो टूक- नो इंटेलिजेंस फेल्योर

सामूहिक रूप से महाराष्ट्र के तीन दर्जन से अधिक विधायकों के गोपनीय तरीके से दूसरे राज्यों पहुंच जाने को खुफिया विभाग की नाकामी भी माना जा रही है। इस पर गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ये कोई खुफिया विफलता नहीं है, क्योंकि राज्य के खुफिया विभाग ने पिछले कुछ महीनों से शिवसेना के कुछ विधायकों के विपक्षी दल के नेताओं के संपर्क में होने की जानकारी दी थी।

शरद पवार ने पाटिल से मांगा जवाब !

शरद पवार ने पाटिल से मांगा जवाब !

गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, कागज पर कुछ भी नहीं था क्योंकि सब कुछ संबंधित लोगों को मौखिक रूप से बता दिया गया था, लेकिन सूचना पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। गौरतलब है कि दो दिन पहले, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कथित तौर पर राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल से अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। पाटिल एनसीपी विधायक हैं। पवार ने कथित तौर पर शिवसेना के विधायकों के भागने के बारे में सवाल किया कि राज्य के गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग ने महाराष्ट्र की एमवीए सरकार को बागी विधायकों के बारे में सतर्क क्यों नहीं किया ?

निर्दलीय महिला सांसद ने की ये अपील

निर्दलीय महिला सांसद ने की ये अपील

बता दें कि दो दर्जन से अधिक विधायकों के एकनाथ शिंदे के साथ होने की खबरों के बीच उद्धव ठाकरे की अगुवाई महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA Govt) से शिवसेना ने सशर्त समर्थन वापस लेने की बात कही है। हालांकि, MVA में शामिल दो अन्य प्रमुख पार्टियों- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस ने कहा है कि उद्धव सरकार का बहुमत परीक्षण विधानसभा में ही होगा। महाराष्ट्र में लगातार बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच खुद शरद पवार भी एक्टिव हैं। महाराष्ट्र की नाटकीय राजनीति के बीच अमरावती लोक सभी सीट से निर्वाचित निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने अब असंतुष्ट विधायकों के परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।

ये भी पढ़ें- 'शिवसेना बाला साहेब' के नाम से एकनाथ शिंदे ने नए दल का किया गठन, बागी MLA दीपक केसरकर ने की पुष्टिये भी पढ़ें- 'शिवसेना बाला साहेब' के नाम से एकनाथ शिंदे ने नए दल का किया गठन, बागी MLA दीपक केसरकर ने की पुष्टि

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English summary
How Eknath Sinde group of Maharashtra rebel MLAs escaped from Mumbai, read police official version.
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