शाहीन बाग की तर्ज पर मुंबई में चल रहे प्रदर्शन को लेकर प्रदेश के गृहमंत्री ने की ये अपील
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्से में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में पिछले काफी दिनों से बड़ी संख्या में महिलाएं शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही हैं। दिल्ली की ही तर्ज पर मुंबई और लखनऊ में भी महिलाएं इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। लेकिन मुंबई में सीएए के विरोध में बैठी महिलाओं से महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने अपील की है। प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि यहां पर महिलाओं ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली है। लिहाजा मेरी अपील है कि तमाम प्रदर्शनकारी इस जगह से अपने प्रदर्शन को खत्म कर दें। अनिल देशमुख ने कहा कि ये लोग किसी दूसरी जगह पर प्रदर्शन कर सकती हैं, जहां पर प्रदर्शन करने की अनुमति है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुंबई में काफी दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। दिल्ली में भी तकरीबन 50 दिनों से महिलाएं इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। दिल्ली में चल रहे प्रदर्शन पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हम शाहीन बाग नहीं जा रहे हैं, क्योंकि ये भाजपा का जाल है। लेकिन, मैंने सीएए-एनआरसी के कई अन्य विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है।
चिदंबरम ने कहा कि अगर हर राज्य में बड़ी संख्या में इसका विरोध करें और हर राज्य यह सोच ले कि एनपीआर को वह लागू नहीं होने देंगे तो एनपीआर को परास्त किया जा सकता है। पी चिदंबरम ने कहा कि बिना राज्यों की भागीदार के एनपीआर को नहीं किया जा सकता है। सीएए को लेकर चिदंबरम ने कहा कि किसी भी कानून को बनाने के लिए अंबेडकर, नेहरू, पटेल ने तीन महीने का समय लिया, लेकिन मोदी सरकार 8 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल लेकर आई और अगले दिन इसे लोकसभा में पास कर दिया गया। यही नहीं 11 दिसंबर को राज्यसभा में इसे लाया गया और दो दिन के बाद इसे नोटिफाई कर दिया गया।
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