मध्य प्रदेश में क्या है सियासी गणित, क्या संकट में है कमलनाथ सरकार?
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजनीति में उस वक्त भूचाल आ गया जब सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने उनके 10 विधायकों को बंधक बना रखा है। कांग्रेस का कहना था कि भाजपा ने मानेसर स्थित होटल में 10 विधायकों को बंधक बना रखा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा नेताओं पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए मास्टरमाइंड बताया। इस सियासी उठापटक के बीच आइए, जानते हैं कि विधानसभा का गणित क्या कहता है।
जीतू पटवारी- स्थिति अब नियंत्रण में
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी व जयवर्धन सिंह गुरुग्राम के मानेसर स्थित आईटीसी रिजॉर्ट से निलंबित बसपा विधायक रमाबाई को खुद लेने पहुंचे थे। आरोप है कि होटल में मध्य प्रदेश के 10 विधायकों को भाजपा द्वारा बंधक बनाया गया है। वहीं इस पूरे मामले पर जीतू पटवारी का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में हैं, हम कल (4 मार्च) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
ये भी पढ़ें: कांग्रेस पार्टी ने तत्काल बैठक बुलाई, दिल्ली हिंसा समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा
क्या है विधानसभा का गणित
संख्याबल की बात करें तो मध्य प्रदेश विधानसभा में इस वक्त कुल 228 विधायक हैं। विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 107 विधायक हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं जबकि समाजवादी पार्टी से एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। फिलहाल, जादुई आंकड़ा 115 का है। इस वक्त कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है। ऐसे में कमलनाथ सरकार सुरक्षित है। कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने 10 में से 6 विधायकों को गुरुग्राम से निकाल लिया है।
6 विधायक लौटे- दिग्विजय सिंह
पूरे घटनाक्रम पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें लगता है कि होटल में 10-11 विधायक थे, जिनमें 6 विधायक कांग्रेस कैंप में लौट आए हैं। दिग्विजय के मुताबिक, बाकी के 4 विधायकों को बीजेपी ने बेंगलुरु भेज दिया है लेकिन वो सभी भी लौट आएंगे। वहीं, कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि जोड़तोड़ वाली सरकार का यही हश्र होता है।
सरकार को कोई खतरा नहींं- सीएम कमलनाथ
वहीं राज्य में किसी तरह के सियासी संकट के सवाल को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खारिज किया। उन्होंने भाजपा विधायकों पर खरीद फरोख्त करने की कोशिश का आरोप लगाया। सीएम कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार को किसी भी तरह का खतरा नहीं है। कमलनाथ ने कहा कि विधायकों ने मुझे इस बात की जानकारी दी है कि उन्हें काफी पैसा दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। मैंने उनसे कहा कि अगर मुफ्त में पैसा मिल रहा है तो वे ले लें।