लोकसभा में सेरोगेसी बिल पास, अब किराये पर कोख का नहीं हो पाएगा कारोबार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जिस सरोगेसी विधेयक को 2016 में मंजूरी दी थी, उसे बुधवार को लोकसभा में पास कर दिया गया है। यह विधेयक व्यावसायिक सरोगेसी और इससे जुड़े अनैतिक कार्यों पर रोक लगाएगा। विधेयक में राष्ट्रीय एवं राज्य सेरोगेसी बोर्ड गठित करने की बात कही गई है। इसके अलावा सेरोगेसी के नियमन के लिए अधिकारियों के नियुक्ति की जाएगी। यह बिल सिर्फ उन्ही कपल को सेरोगेसी का अधिकार देता है, जो गर्भवती होने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है और इसे 'कमर्शियल सरोगेसी' पर रोक लगाने और परिवारों में नि:संतान दंपतियों की सुविधा को ध्यान में रखने के लिए लाया गया है।
इस बिल के मुताबिक सेरोगेट मां और गर्भवती न होने वाली मां को इसके लिए एक सर्टिफिकेट जरुरत होगी। विधेयक के मुताबिक सरोगेसी का लाभ उठाने के इच्छुक व्यक्तियों को भारतीय होना होगा और उनकी शादी के कम से कम पांच साल होने जरुर है।
सेरोगेसी के गलत इस्तेमाल पर उन्होंने कहा कि जो चीज जरूरत के नाम पर शुरू हुई थी वो अब एक शौक बन गई है। विदेश मंत्री ने कहा था कि केंद्रीय स्तर पर नेशनल सेरेगेसी बोर्ड और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्टेट सेरोगेसी बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बड़े सेलेब्रिटी जिनके पास दो-दो बच्चे हैं वे भी सेरोगेसी अपना रहे हैं।