PM केयर्स फंड के तहत सप्लाई किए गए खराब वेंटिलेटर्स पर बॉम्बे HC ने केंद्र से मांगा जवाब, लगाई फटकार
मुंबई 25 मई। कोरोना महामारी में ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच सरकार ने पीएम केयर्स के फंड से कुछ वेंटिलेटर खरीदे। उन्हें अलग-अलग राज्यों को सप्लाई कर दिया। लेकिन कई जगहों पर डॉक्टरों ने वेंटिलेटर के खराब होने की शिकायत की और इसे मरीजों की जान बचाने के लिए नाकाफी बताया। महाराष्ट्र के मराठावाड़ा में भी ऐसा ही मामला सामने आया जो कोर्ट पहुंच गया। अब इन खराब वेंटिलेटर्स को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि इससे मरीज की जान खतरे में जा सकती थी।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 मई को होगी। कोर्ट ने उन नेताओं को भी फटकारा जो वेंटिलेटर चेक करने अस्पताल गए थे। हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा कि पीएम केयर फंड के तहत मराठावाड़ा को भेजे गए 150 में से 113 वेंटिलेटर खराब पाए गए। 37 वेंटिलेटर अभी खोले नहीं गए हैं।' ये वेंटिलेटर सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में इस्तेमाल होने थे। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इन वेंटिलेटर्स के इस्तेमाल से मरीज हाइपॉक्सिक हो रहे थे। यानी उनके शरीर से ऑक्सिजन कम हो रहा था।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस रवींद्र घुगे की बेंच ने इस मामले पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि ये मामला बहुत गंभीर है। कोर्ट ने कहा कि वेंटिलेटर जीवनरक्षक उपकरण हैं और अगर ये ठीक से काम न करें तो मरीज की जान खतरे में जा सकती है।
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