आर्टिकल 370 हटने पर भावुक हुईं कश्मीरी पंडित गायिका आभा हंजुरा, कही ये बात
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद कश्मीरी गायिका आभा हंजुरा ने सरकार के फैसले के बाद घर वापसी की उम्मीद जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि उम्मीद है कि हमारे लिए घर वापस जाने का रास्ता साफ होगा और हम एक बार फिर से एकजुट हो पाएंगे। यह सपना सभी कश्मीरियों की आंखों में है, जोकि अपने घर से दूर रह रहे हैं। बता दें कि सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से संबंधित आर्टिकल 370 और 35ए को खत्म करने का ऐलान किया था।

सरकार के फैसले का स्वागत
सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए आभा कहती हैं कि यह ऐसा है जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी, मैं आशावादी हूं, मैं हमेशा ही आशावादी रहना चाहती हूं, जोकि उन सभी लोगों के लिए बेहतर और अच्छी चीजें लेकर आएगी, जो लोग इससे प्रभावित हैं। इससे पहले सोमवार को सरकार के फैसले के बाद दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने कहा कि भारत की राजनीतिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विरासत और भी मजबूत हुई है।
साझा किया अनुभव
आभा जोकि अब बेंगलुरू में रहती हैं, वह कहती हैं कि जब वह श्रीनगर में पहली बार परफॉर्म करने के लिए गई थीं तो यह उनके जीवन का सबसे अच्छा मौका था, 3000 लोग इस कार्यक्रम में आए थे। लड़कियां, कॉलेज के बच्चे, हर कोई वहां आया था। कई लोगों ने कभी भी कश्मीरी पंडित गायिका को नहीं देखा था।
अमित शाह ने किया था ऐलान
बता दें कि सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिल 370 और 35ए को खत्म किए जाने का ऐलान किया था, जिसके बाद से यह मसला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। अनुच्छेद 370 हटाने के ऐलान के बाद अब राज्य के सभी हिस्सों में कड़ी चौकसी बरती जा रही है। जम्मू संभाग में भी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर संदिग्ध और असामाजिक तत्वों पर है। जम्मू शहर समेत इस संभाग के 10 जिलों में एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है। जम्मू की सड़कों पर बैरीकेडिंग करके वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है, लेकिन शहर को कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात जारी है।
Ultimately every stakeholder in the J&K story that is, it's people, Kashmiri Muslims,Dogras, Kashmiri Pandits, Laddakhis,Gujjars,Bakkarwalls and many others ,have all been suffering at the hands of there never being a definitive government policy in the conflict zone that J&K is.
— Aabha Hanjura (@AabhaHanjura) August 5, 2019
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