कर्नाटक में क्या होगा 'गठबंधन सरकार' का फॉर्मूला, सीएम के साथ कांग्रेस के ये दो नेता होंगे डिप्टी सीएम?
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार के गठन को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक नई सरकार में दो उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। माना जा रहा है कि पार्टी एक दलित और एक लिंगायत नेता का नाम डिप्टी सीएम के तौर पर आगे बढ़ा सकती है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने संभावना जताई है कि नई सरकार में दो उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। फिलहाल इस पर आखिरी फैसला कुमारस्वामी की दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बैठक के बाद ही होगा।
डिप्टी सीएम की रेस में सबसे आगे परमेश्वर और शिवशंकरप्पा
जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी बुधवार को कर्नाटक के सीएम पद की शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि इस बीच कैबिनेट में किसे-कौन सा मंत्रालय दिया जाए, इसे फाइनल कर लिया जाएगा। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने इशारा किया है कि कि सरकार में दो उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं। ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि डिप्टी सीएम के तौर पर एक नाम परमेश्वर का ही माना जा रहा है। दूसरे डिप्टी सीएम के तौर पर पार्टी लिंगायत उम्मीदवार का नाम आगे बढ़ा सकती है। इसमें शमनुर शिवशंकरप्पा का नाम आगे माना जा रहा है।
कुमारस्वामी की सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात
23 मई को कुमारस्वामी के सीएम पद की शपथ लेने के बाद गुरुवार को कांग्रेस-जेडीएस सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। विश्वास मत हासिल करने से पहले विधानसभा अध्यक्ष चुनाव होगा। सूत्रों के मुताबिक दो डिप्टी सीएम का चुनाव फ्लोर टेस्ट पास होने के बाद किया जा सकता है। इस बीच कुमारस्वामी ने भी कहा कि मैं दिल्ली जा रहा हूं...मैं वहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से मिलूंगा। उनके साथ बातचीत के बाद तय होगा कि कांग्रेस-जेडीएस से किसे मंत्री बनाया जा सकता है।
बुधवार को कुमारस्वामी का शपथ, गुरुवार को फ्लोर टेस्ट
कर्नाटक में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि बुधवार को कुमारस्वामी अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, इसके बाद गुरुवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट के बाद ही अन्य मंत्री अपने पद की शपथ लेंगे। इसी दौरान स्पीकर के पद का भी चुनाव किया जाएगा। आपको बता दें कि कांग्रेस के पास कुल 16 लिंगायत विधायक हैं, जबकि जेडीएस के पास सिर्फ 4 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस के पास लिंगायत का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व है।