Karnataka Election Date: बीजेपी के पास फिलहाल अन्य से भी कम वोट शेयर
नई दिल्ली। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा कर दी है। यहां 12 मई को मतदान होगा। आपको बता दें कि 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। जबकि 1 सीट पर एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य को मनोनित किया जाता है। मतगणना 15 मई को होगी। चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे। इसके बाद 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जिसके बाद 27 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे। यही नहीं राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है अब रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे और एक उम्मीदवार 28 लाख रुपये तक ही खर्च कर पाएगा।
कर्नाटक चुनाव
इस बार का कर्नाटक चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए आर-पार की लड़ाई है। भाजपा जहां इस बार सत्ता वापसी की कोशिश में हैं, वहीं कांग्रेस के लिए ये सत्ता बचाना बहुत बड़ा काम है। ये राहुल गांधी के लिए भी प्रतिष्ठा का भी प्रश्न है। अगर कर्नाटक में कमल खिलता है तो ये भाजपा की बड़ी जीत होगी और इसका असर साल 2019 के लोकसभा चुनावों पर भी होगा।
भाजपा का वोट प्रतिशत 19.89%
एक नजर यहां के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो वैसे बीजेपी की स्थिति यहां खासी अच्छी नहीं है। दरअसल यहां कि जनता ने कांग्रेस, बीजेपी और जेडी(एस) तीनों को मौका दिया है। साल 2013 में कांग्रेस को 224 विधानसभा सीटों में से 122 पर विजय मिली थी और वोट प्रतिशत 36.59% था जबकि बीजेपी को 40 सीटें मिली और उसका वोट प्रतिशत 19.89% था।
बीएस येदुरप्पा का भाजपा की हार का कारण
बीजेपी के आपस के विवाद ने उसकी हार में अहम रोल निभाया था। खनन घोटाले में फंसे उसके कद्दावर नेता बीएस येदुरप्पा का भाजपा छोड़कर जाना और अलग पार्टी बनाना उसकी हार का मुख्य कारण था, जिसके कारण बीजेपी सत्ता से बेदखल हो गई।
जनता दल सेक्यूलर (जेडी एस)
जबकि वहीं देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्यूलर (जेडी एस) को 40 सीटें मिली और उनका वोट प्रतिशत 20.2% था। और येदुरप्पा की पार्टी को 6 सीटें मिली और उनका वोट प्रतिशत 09.79% था. बाकी 16सीटे छोटी पार्टियों और निर्दलियों ने जीती थी।
येदुरप्पा की घर वापसी
हालांकि फिजा बदली और मोदी सूनामी में साल 2014 में बीजेपी में बदलाव हुआ और येदुरप्पा की घर वापसी हुई और वो फिर से बीजेपी में शामिल हो गए और शिमोगा संसदीय सीट से जीत कर सांसद भी बने। जिसका फायदा इस बार भाजपा को चुनावों में मिल सकता है।
भाजपा की होगी सत्ता में वापसी?
बीजेपी की कोशिश है कि कांग्रेस और जेडीएस दोनों को सत्ता से दूर रखा जाए. हालांकि नतीजा क्या होगा ये तो 15 मई को पता चलेगा, जब चुनावी नतीजे आएंगे।