टीपू जयंती पर ओवैसी की पार्टी के अंदर ही क्यों ठन गई ? हुबली ईदगाह मैदान को लेकर AIMIM में दो फाड़
मैसूर के पूर्व शासक टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर कर्नाटक में असददुद्दीन ओवैसी की पार्टी के अंदर ही घमासान मच गया है। एक गुट ने इसके लिए हुबली-धारवाड़ नगर निगम ने से अनुमति भी ले ली है, जबकि दूसरे गुट का कहना है कि यह पार्टी का कार्यक्रम नहीं है। कुछ और संगठन हैं, जिन्होंने हुबली ईदगाह मैदान में टीपू जयंती के लिए निगम से अनुमति मांगी है। गौरतलब है कि यह मैदान पिछले कुछ समय से काफी विवादों में रहा है और अगस्त में यहां कर्नाटक हाई कोर्ट के दखल के बाद गणेश चतुर्थी मनाने की भी अनुमति मिली थी।
टीपू जयंती पर ओवैसी की पार्टी के अंदर ही ठन गई
कर्नाटक में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नेताओं के बीच टीपू सुल्तान जयंती मनाने को लेकर आपस में ही विवाद हो गया है। जबकि, हैरानी की बात है कि भाजपा शासित हुबली-धारवाड़ नगर निगम (HDMC) ने हुबली के ईदगाह मैदान में टीपू सुल्तान जयंती मनाने की अनुमति भी दे दी है। लेकिन, उलटे ओवैसी के नेताओं के बीच इसे मनाने को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ गए। एआईएमआईएम के धारवाड़ जिले के संयुक्त सचिव विजय गुंत्राल ने इसकी अनुमति निगम से लेकर इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी थीं। लेकिन, पार्टी के जिलाध्यक्ष और हुबली-धारवाड़ नगर निगम के सदस्य नजीर अहमद होन्याल ने ईदगाह मैदान में कार्यक्रम आयोजित करने का विरोध किया। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं को इसकी जानकारी देने की भी बात कही है।
'ईदगाह मैदान में कभी नहीं मनी टीपू जयंती'
गुंत्राल के मुताबिक, 'पहले पार्टी के अंदर एक बैठक हुई और यह तय किया गया था कि इसे मनाना चाहिए। बैठक में पार्टी के सभी सदस्य शामिल हुए। नजीर अहमद और बाकियों से बातचीत करके मैंने लेटरहेड पर ज्ञापन दिया था।' इसके उलट होन्याल बोले कि 'अगर मेरी पार्टी ने इजाजत मांगी होती तो यह मेरे लेटरहेड पर होता, क्योंकि धारवाड़ का जिलाध्यक्ष मैं हूं। ईदगाह मैदान का इस्तेमाल हमारे पूर्वजों के द्वारा सालों से नवाज के लिए किया जाता रहा है। इसके बावजूद कोर्ट ने आदेश दिया कि दो बार झंडा फहराया जाएगा और दो बार प्रार्थना की जाएगी। यहां गणेश चतुर्थी आयोजित की गई थी। टीपू जयंती हमारे घरों में भी मनाई जा सकती है। हमारे पूर्वजों ने ईदगाह मैदान में कभी भी टीपू जयंती नहीं मनाया। विजय गुंत्राल का फैसला उनका अपना है, पार्टी का नहीं।'
शर्तों के साथ निगम ने दी है टीपू जयंती की इजाजत
एचडीएमसी ने बुधवार को ही ओवैसी की पार्टी को हुबली की ईदगाह मैदान में टीपू जयंती मनानी की अनुमति दी है। इसके लिए आयोजकों को निगम के पास 10 हजार रुपए जमा करने हैं। एआईएमआईएम के अलावा कुछ और संगठनों ने भी निगम से अगले महीने मैसूर शासक टीपू सुल्तान की जयंती ईदगाह मैदान में मनाने की इजाजत मांग रखी है। एएनआई ने मेयर इरेश अंचातागिरी के हवाले से कहा है, 'हुबली धारवाड़ नगर निगम ने कुछ शर्तों के आधार पर टीपू जयंती और राष्ट्र नायकों और धार्मिक नेताओं की जन्म जयंती मनाने की अनुमति दी है। निगम में फीस जमा करना होगा, पदाधिकारियों को उचित अनुमति लेनी होगी।'
इस मुद्दे को मुख्यमंत्री देखेंगे- कर्नाटक के गृह मंत्री
कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी न्यूज एजेंसी से कहा, 'यह मामला हुबली-धारवाड़ महानगर पालिके और मेयर से जुड़ा है, कर्नाटक के मुख्यमंत्री इसे देखेंगे।' इस साल अगस्त में कर्नाटक हाई कोर्ट ने ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की भी अनुमति दी थी। ऐसा पहली बार हुआ था कि इस विवादित मैदान में हिंदुओं का कोई पर्व मनाया गया हो।
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हुबली ईदगाह मैदान का संक्षिप्त इतिहास
पिछले अगस्त तक हुबली ईदगाह मैदान में साल में सिर्फ दो बार स्थानीय मुसलमानों की ओर से रमजान और बकरीद के मौकों पर ही नवाज पढ़ी जाती थी। कुछ पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक आजादी के दशकों पहले तक इस मैदान में विभिन्न तरह के मेले भी लगते थे और राजनीतिक दलों की सभाएं भी होती थीं। लेकिन, धीरे-धीरे यह मैदान सिर्फ साल में दो बार नवाज के लिए इस्तेमाल होने लगी थी। लेकिन, कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश से इस साल से वहां हिंदुओं का समारोह भी आयोजित होने लगे हैं और बाकियों को भी अनुमति मिलने लगी है।