Karnataka Hijab Ban: क्यों अलग है SC के दोनों जजों की राय, जस्टिस धूलिया और जस्टिस हेमंत ने क्या-क्या कहा ?
karnataka Hijab Ban मामला सुप्रीम कोर्ट में Justice Sudhanshu Dhulia और Justice Hemant Gupta की पीठ में सुना गया। जानिए फैसले में क्यों है दोनों जजों की अलग राय karnataka Hijab Ban sc justice Sudhanshu Dhulia Justice Hem
Karnataka Hijab Ban मामला सुप्रीम कोर्ट में Justice Sudhanshu Dhulia और Justice Hemant Gupta की पीठ में सुना गया। दो जजों की पीठ में अलग-अलग राय वाला फैसला आने के कारण हिजाब विवाद मामला बड़ी बेंच के पास भेजा गया है। जानिए जस्टिस धूलिया और जस्टिस हेमंत गुप्ता की अलग-अलग राय क्यों है ?
जस्टिस सुधांशु धूलिया ने क्या कहा
Karnataka Hijab Ban मामले में सुनवाई के बाद फैसले में अपनी टिप्पणी में जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा, मैंने कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी के आदेश को रद्द कर दिया है। प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया है। मेरे मन में सबसे बड़ा सवाल बालिकाओं की शिक्षा का था।' उन्होंने सवाल किया, क्या हम बच्चियों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं ?
हिजाब विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट गलत !
बकौल जस्टिस सुधांशु धूलिया हिजाब या कोई भी पोशाक पसंद की बात है। इससे कुछ ज्यादा नहीं और कुछ कम भी नहीं। उन्होंने कहा, मेरे फैसले में मुख्य जोर इस बात पर है कि विवाद के लिए आवश्यक धार्मिक अभ्यास की पूरी अवधारणा जरूरी नहीं थी। उन्होंने दो टूक कहा कि हिजाब विवाद में कर्नाटक हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। जस्टिस धूलिया ने कहा, क्षेत्रों में एक बच्ची स्कूल जाने से पहले घर का काम करती है। उन्होंने कहा, क्या हम ऐसा करके उसके जीवन को बेहतर बना रहे हैं ? जस्टिस धूलिया ने कहा, मैंने सम्मानपूर्वक अपना मतभेद दर्ज कराया है। यह केवल अनुच्छेद 19 और 25 से संबंधित मामला है।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने क्या कहा ?
हिजाब विवाद पर अपने फैसले में जस्टिस हेमंत गुप्ता ने सवाल किया, क्या छात्र अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग कर सकता है ? क्या इस्लाम के तहत आवश्यक धार्मिक अभ्यास का एक हिस्सा स्कूल ड्रेस के साथ पहना जा रहा है ? क्या सरकारी आदेश शिक्षा तक पहुंच के उद्देश्य को पूरा करता है ?
संविधान पीठ के पास गया मामला
इन सवालों पर जस्टिस गुप्ता ने कहा, 'मेरे अनुसार जवाब अपीलकर्ता के खिलाफ है। मैं अपील खारिज करता हूं। पीठ की मतभिन्नता है। मैंने अपने आदेश में 11 सवाल तैयार किए हैं। पहला यह है कि क्या अपील को संविधान पीठ के पास भेजा जाना चाहिए ? क्या कॉलेज प्रबंधन छात्रों की ड्रेस पर फैसला ले सकता है ? क्या हिजाब पहनना और इसे प्रतिबंधित करना अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है ? क्या अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 25 के तहत अधिकार परस्पर अनन्य हैं ? क्या सरकारी आदेश मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है ?