कर्नाटक सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से धर्मांतरण विरोधी विधेयक को किया पारित, कांग्रेस ने उठाए सवाल
कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक को अध्यादेश के माध्यम से पारित कर दिया है।
बैंगलौर, 12 मई: कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक को अध्यादेश के माध्यम से पारित कर दिया है। धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण अध्यादेश को आज पहले कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। नया कानून धर्म परिवर्तन को या तो बलपूर्वक या प्रलोभन के माध्यम से रोकने के लिए है।
विधान परिषद में पूर्ण बहुमत नहीं
इससे पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद के स्थगित होने के चलते हम कैबिनेट बैठक में विधेयक को पारित करने के लिए एक अध्यादेश लाएंगे। बिल को शुरुआत में 23 दिसंबर, 2021 को कर्नाटक विधानसभा में पारित किया गया था। लेकिन विधान परिषद में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं थी।अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए आज कैबिनेट की बैठक हुई। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से धर्मांतरण विरोधी कानून लाने का फैसला किया था। क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के पास उच्च सदन में पूर्ण बहुमत नहीं है।
विधान
परिषद
में
पारित
होने
के
लिए
लंबित
बता
दें
कि
कर्नाटक
धर्म
की
स्वतंत्रता
के
अधिकार
का
संरक्षण
विधेयक
दिसंबर
2021
में
विधान
सभा
में
पारित
किया
गया
था।
यह
विधान
परिषद
में
पारित
होने
के
लिए
लंबित
है,
जहां
सत्तारूढ़
भाजपा
सरकार
के
पास
पूर्ण
बहुमत
नहीं
है।
सीएम
बोम्मई
ने
कहा
कि
हम
धर्मांतरण
विरोधी
विधेयक
को
एक
अध्यादेश
के
माध्यम
से
इसलिए
ला
रहे
हैं,
क्योंकि
विधानसभा
का
सत्र
जारी
नहीं
है।
इसे
कैबिनेट
में
पेश
किया
जाएगा।
कांग्रेस ने उठए सवाल
कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को एक अध्यादेश के माध्यम से पारित करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि कर्नाटक सरकार इतनी जल्दी में क्यों है। उन्हें किसी विकास एजेंडे या युवाओं को रोजगार देने पर अध्यादेश जारी करना चाहिए।
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