क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कर्नाटक चुनाव: कांग्रेस-जेडीएस को सुप्रीम कोर्ट जाकर क्या मिलेगा?

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी को राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है.

गुरुवार सुबह 9:30 बजे बीजेपी की ओर से बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हस्तक्षेप से 

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
सिद्धरमैया और कुमारास्वामी
Getty Images
सिद्धरमैया और कुमारास्वामी

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी को राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है.

गुरुवार सुबह 9:30 बजे बीजेपी की ओर से बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हस्तक्षेप से राज्यपाल वजूभाई वाला ने संविधान का एनकाउंटर कर डाला है और इस ग़ैर कानूनी निर्णय को जनता और कानून सिरे से ख़ारिज कर देगा.

क्या ख़त्म हुआ राजनीतिक संकट?

कर्नाटक के चुनाव नतीजों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. इसके बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और बीजेपी दोनों ने अपने-अपने स्तर पर सरकार बनाने का दावा किया था.

मोदी
Getty Images
मोदी

इस चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं. इसके बाद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान करके सरकार बनाने का दावा पेश किया.

कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 112 है और जेडीएस-कांग्रेस के पास कुल 115 विधायक हैं.

लेकिन कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई ने भाजपा नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए बुलाया है. और 15 दिनों के अंदर विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा है.

मोदी
BBC
मोदी

कर्नाटक की राजनीति में आए इस मोड़ के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और रजिस्ट्रार को तत्काल सुनवाई के लिए अर्जी दी.

सुप्रीम कोर्ट जाने पर कांग्रेस को क्या मिलेगा?

अगर संविधान विशेषज्ञ फ़ैज़ान मुस्तफ़ा की मानें तो कांग्रेस इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाकर ज़्यादा कुछ हासिल नहीं कर पाएगी.

वह बताते हैं, "कांग्रेस और जेडीएस को सुप्रीम कोर्ट जाने का कोई बहुत फ़ायदा नहीं होगा क्योंकि जब गोवा के बाद भी वे सुप्रीम कोर्ट गए थे तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा करने में देरी क्यों दिखाई और हम मनोहर पर्रिकर का शपथ ग्रहण नहीं रोक सकते हैं. साल 2017 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस और जेडीएस के पक्ष में है. लेकिन अब कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां होने वाली हैं."

"ऐसे में येदियुरप्पा को बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का समय मिल गया और उनके साथ बिल्लारी ब्रदर्स भी हैं. ऐसे में ख़रीद-फरोख़्त होगी और वो आख़िर में बहुमत हासिल कर लेंगे. ऐसे में कोर्ट ये कहेगी कि इनके पास बहुमत है और इस तरह इनकी सरकार सही है."

साल 2017 में जब गोवा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता मिला था तब भी कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि मनोहर पर्रिकर को गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से रोका जाए.

कर्नाटक: अब 'हॉर्स-ट्रेडिंग' और 'रिजॉर्ट सियासत' की एंट्री

येदियुरप्पा
Getty Images
येदियुरप्पा

गोवा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी, लेकिन बीजेपी ने अन्य दलों के साथ मिलकर बहुमत के लिए ज़रूरी 21 सीटें जुटाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से कांग्रेस को 17 और बीजेपी को 13 सीटें हासिल हुई थीं.

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की अर्जी को ख़ारिज कर दिया था.

राज्यपाल के फ़ैसले पर सवाल

राज्यपाल के इस फ़ैसले के बाद कांग्रेस इसे संविधान का उल्लंघन बता रही है. दिलचस्प ये है कि कांग्रेस वही तर्क दे रही है जो वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण जेटली ने पिछले साल 13 मार्च को गोवा में सरकार को लेकर जारी रस्साकसी के दौरान ट्वीट करके दिया था.

संविधान विशेषज्ञ फ़ैजान मुस्तफ़ा कहते हैं, "संविधान में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बारे में बस इतना कहा गया है कि राष्ट्रपति या राज्यपाल उनकी नियुक्ति करेंगे. लेकिन ये कहीं नहीं कहा गया है कि राज्यपाल बहुमत दल को या सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री बनाएगा. दरअसल, राज्यपाल को देखना ये होता है कि कौन सी पार्टी एक स्थिर सरकार बना सकती है."

"अगर चुनाव के बाद कोई दो दल मिलकर ये कहें कि उनके पास बहुमत है तो ऐेसे में राज्यपाल के पास कोई विशेषाधिकार नहीं रह जाता है कि वो बहुमत का दावा करने वाली पार्टी को छोड़कर उस पार्टी के पास जाएं जो कि सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है."

हालांकि, बीजेपी नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता में ये कहा है कि कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस कानून की बात कर रही है, लेकिन ये वही पार्टी है जिसने कई बार संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं.

येदियुरप्पा
Getty Images
येदियुरप्पा

इस केस की बात क्यों कर रहे हैं बीजेपी-कांग्रेस

कांग्रेस से लेकर बीजेपी ने अपने-अपने तरीके से रामेश्वर प्रसाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का ज़िक्र किया है.

बिहार के गवर्नर बूटा सिंह से जुड़े इस केस के बारे में फ़ैजान मुस्तफा बताते हैं, "बिहार में बूटा सिंह गवर्नर थे और वह बीजेपी और नीतीश कुमार की सरकार नहीं बनने देना चाह रहे थे. चुनाव के बाद किसी को बहुमत नहीं मिला था और रामविलास पासवान ने कहा था कि वह राजद और जदयू में से किसी पार्टी को समर्थन नहीं देंगे. उस स्थिति में बहुमत किसी के पास नहीं था, कोई दो दल मिलकर बहुमत नहीं बना रहे थे. ऐसे में राज्यपाल ने केंद्र सरकार को लिखा कि राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए तब सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा कि गवर्नर को ये अधिकार नहीं है कि अनैतिक रूप से बहुमत बन रहा है कि नहीं. बल्कि राज्यपाल को ये देखना है कि बहुमत किसके पास है."

"कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के पास बहुमत है, ये कह सकते हैं कि ये एक अनैतिक गठजोड़ है, लेकिन ये पूरी तरह से संवैधानिक है. और ऐसे में राज्यपाल के पास ये अधिकार नहीं है कि वह कुमारास्वामी को सरकार बनाने के लिए न बुलाएं."


BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Karnataka Election What will the Congress-JDS get by going to the Supreme Court
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X