सिद्धारमैया ने पीएम मोदी की उतारी नकल, वीडियो हुआ वायरल
नई दिल्ली। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का सबका साथ, सबका विकास का नारा काफी लोकप्रिय हुआ था। अपने इस नारे की वजह से पीएम मोदी की राजनीतिक गलियारे में अलग पहचान बनी थी, लेकिन उनके नारों को लेकर अक्सर उनके विरोधी नेता उनपर निशाा साधते हैं। कर्नाटकर के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम मोदी के इस नारे की मिमिक्री की है। कर्नाटक के एक कार्यक्रम के दौरान सिद्धारमैया ने पीएम मोदी के इस नारे को दोहराते हुए उनकी मिमिक्री की। कर्नाटक के चिक्कोडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने पीएम मोदी के इस नारे को दोहराते हुए प्रधानमंत्री के ही अंदाज में इसकी मिमिक्री की और पीएम का मजाक उड़ाया। सिद्धारमैया का पीएम की मिमिक्री का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस सभा में बोलते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि हमने मोदी के वायदों की वजह से उन्हें एक मौका दिया था, लेकिन उन्होंने दूसरा ही रास्ता अपनाया। पीएम मोदी का मजाक उड़ाते हुए सिद्धारमैया ने कई सवाल दागे, उन्होंने कहा कि अच्छे दिन आएंगे, कब आएंगे, किसके आएंगे, यह नहीं पता, क्या आपके अच्छे दिन आए।
पीएम पर जमकर साधा निशाना
सिद्धारमैया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने यह वायदा किया था कि वह काला धन वापस देश में लेकर आएंगे और हर भारतीय के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपए जमा कराएंगे, लेकिन आजतक ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने दावा किया था कि 100 दिन के भीतर वह यह करके दिखाएंगे्, लेकिन आजतक किसी के खाते में 15 लाख रुपए नहीं आए हैं। सबका साथ, सबका विकास के नारे पर तंज कसते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने सबका विकास नहीं कराया ना ही अच्छे दिन आए और ना ही किसी के खाते में 15 लाख रुपए जमा हुए।
लालू भी कर चुके हैं मिमिक्री
यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिमिक्री किसी नेता ने की है। इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने भी प्रधानमंत्री मोदी की मिमिक्री करते हुए उनका मजाक उड़ाया था। लालू ने बिहार में पीएम मोदी के भाषण की मिमिक्री करते हुए उनका मजाक उड़ाया था, लालू की मिमिक्री का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
अगले वर्ष है कर्नाटक में चुनाव
गौरतलब है कि कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, यहा पहले से ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है। अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार अभी से शुरू कर दिया है। उत्तर भारत में भाजपा ने जिस तरह से एक के बाद एक जीत का परचम लहराया है उसे देखते हुए दक्षिण भारत में भाजपा की यह सबसे बड़ी चुनौती है।
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